नई दिल्ली: विश्व कप के आयोजन से जुड़े कतर के एक शीर्ष अधिकारी ने पहली बार टूर्नामेंट से जुड़े मजदूरों की मौत के आंकड़े को ‘400 से 500 के बीच’ रखा है जो दोहा की ओर से इससे पहले बताई गई किसी भी संख्या से काफी अधिक है.
कतर ने किया स्वीकार- लगभग 500 लोगों की हुई मौत
कतर की ‘डिलीवरी और लीगेसी’ से जुड़ी शीर्ष समिति के महासचिव हसन अल-थावाडी ने ब्रिटिश पत्रकार पियर्स मोर्गन को साक्षात्कार में यह आंकड़ा बताया. इसने मानवाधिकार समूहों द्वारा आलोचना और तेज होने की आशंका है. मानवाधिकार समूह पश्चिम एशिया के पहले विश्व कप की मेजबानी करने के लिए 200 अरब डॉलर से अधिक के स्टेडियम, मेट्रो लाइन और टूर्नामेंट के लिए आवश्यक नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के दौरान प्रवासी श्रमिकों की मौत के आंकड़े के लिए कतर की आलोचना करते रहे हैं.
शीर्ष समिति और कतर की सरकार ने मंगलवार को प्रतिक्रिया के आग्रह पर कोई जवाब नहीं दिया. मोर्गन ने साक्षात्कार का एक अंश ऑनलाइन डाला है जिसमें वह हसन से पूछते हैं, ‘‘विश्व कप से जुड़े कार्य करने के परिणाम स्वरूप प्रवासी श्रमिकों की मौत से जुड़ा ईमानदार, यथार्थवादी आंकड़ा क्या है?’’
स्टेडियमों के निर्माण के दौरान हुई मजदूरों की मौत
हसन ने कहा, ‘‘अनुमान 400 के आसपास है, 400 और 500 के बीच. मेरे पास सटीक संख्या नहीं है.’’ लेकिन इस आंकड़े पर इससे पहले सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की गई थी.
2014 से 2021 के अंत तक की शीर्ष समिति की रिपोर्ट में केवल विश्व कप की मेजबानी करने वाले स्टेडियमों के निर्माण और नवीनीकरण में शामिल श्रमिकों की मृत्यु की संख्या शामिल है. जारी किए गए आंकड़ों में मौतों की कुल संख्या 40 बताई गई है. इनमें से 37 मौत को कतर काम से इतर की घटनाओं के रूप में वर्णित करता है जैसे कि दिल का दौरा पड़ा. तीन मौत कार्यस्थल की घटनाओं से जुड़ी हैं. एक रिपोर्ट में महामारी के बीच कोरोना वायरस से एक कर्मचारी की मृत्यु को अलग से सूचीबद्ध किया गया है.
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