‘हैंड ऑफ गॉड’ वाली गेंद की नीलामी से मालामाल होंगे रेफरी, मिल सकते हैं करोड़ों रुपये

माराडोना उस मैच में हेडर से गोल करने के लिए उछले लेकिन उन्होंने सिर के बजाय हाथ से गोल कर दिया. माराडोना ने बाद में इसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ यानि ईश्वर का हाथ नाम दिया था. तब से यह गेंद रेफरी बिन नासिर के पास सुरक्षित है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 14, 2022, 02:21 PM IST
  • माराडोना की 60 साल की उम्र में हुई थी निधन
  • फीफा वर्ल्डकप से चार दिन पहले होगी नीलामी
‘हैंड ऑफ गॉड’ वाली गेंद की नीलामी से मालामाल होंगे रेफरी, मिल सकते हैं करोड़ों रुपये

नई दिल्लीः वर्ल्डकप का एक पूर्व रेफरी फुटबॉल जगत की अपनी सबसे बड़ी गलती को भुनाने जा रहा है, जिससे कि वह मालामाल बन सकता है. डियागो माराडोना ने 1986 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ जिस गेंद से मशहूर ‘हैंड ऑफ गॉड’ गोल किया था उसे ट्यूनीशिया के रेफरी ने नीलामी के लिए रखा है. यह रेफरी उस मैच का संचालन कर रहा था और वह माराडोना को हाथ से गोल करते हुए देखने से चूक गया था. 

गेंद की नीलामी से 27 से 33 लाख डॉलर मिलने की उम्मीद

इस 36 साल पुरानी गेंद के मालिक पूर्व रेफरी अली बिन नासिर हैं जिसकी वह अब नीलामी करने जा रहे हैं. नीलामीकर्ता ग्राहम बड ऑक्शन ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि इस ऐतिहासिक गेंद की नीलामी से 27 लाख डॉलर से लेकर 33 लाख डॉलर तक मिल सकते हैं.

फीफा वर्ल्डकप से चार दिन पहले होगी नीलामी

इस गेंद की नीलामी कतर में होने वाले वर्ल्डकप से चार दिन पहले यानी की 16 नवंबर को ब्रिटेन में की जाएगी. इस दौरान उस मैच से जुड़े माराडोना के अन्य सामान की भी पूर्व में नीलामी की गई थी जिससे मोटी कमाई हुई थी. माराडोना ने उस मैच में जो शर्ट पहनी थी उसकी नीलामी मई में की गई थी. वह शर्ट 93 लाख डॉलर में बिकी थी. 

मैच में मारडोना सिर के बजाय हाथ से कर बैठे थे गोल

माराडोना उस मैच में हेडर से गोल करने के लिए उछले लेकिन उन्होंने सिर के बजाय हाथ से गोल कर दिया. रेफरी बिन नासिर ने उसे गोल दे दिया. इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने उसका विरोध किया लेकिन रेफरी अपने फैसले से टस से मस नहीं हुए. 

‘हैंड ऑफ गॉड’ यानि ईश्वर का हाथ के नाम से मशहूर है गेंद 

माराडोना ने बाद में इसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ यानि ईश्वर का हाथ नाम दिया था. तब से यह गेंद रेफरी बिन नासिर के पास सुरक्षित है. अर्जेंटीना ने यह मैच 2-1 से जीता और बाद में विश्वकप भी अपने नाम किया. इसी टूर्नामेंट से माराडोना को विश्व के महानतम खिलाड़ियों में आंका गया.

माराडोना की 60 साल की उम्र में हुई थी निधन

माराडोना का 2020 में  निधन हो गया था. बिन नासिर ने बयान में कहा, 'यह गेंद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल के इतिहास का हिस्सा है. मुझे लगता है कि विश्व के साथ इसे साझा करने का यह सही समय है.’  बिन नासिर उस शर्ट की भी नीलामी करेंगे जो उन्होंने उस क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान पहनी थी. इन वस्तुओं की नीलामी से बिन नासिर का मालामाल बनना तय है.

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