CWG 2022: पहले नहीं मिली थी टीम में जगह, हाईकोर्ट की मदद से पहुंचा बर्मिंघम, फिर रच दिया इतिहास

भारत को पुरुषों की ऊंची कूद इंवेट में CWG के इतिहास में पहली बार मेडल मिला. तेजस्विन शंकर ने एथलेटिक्स स्पर्धा में पुरूषों की ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2022, 06:07 PM IST
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद मिली थी बर्मिंघम जाने की अनुमति
  • इवेंट से महज 3 दिन पहले पहुंचे थे बर्मिंघम
CWG 2022: पहले नहीं मिली थी टीम में जगह, हाईकोर्ट की मदद से पहुंचा बर्मिंघम, फिर रच दिया इतिहास

नई दिल्ली: बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के छोटे छोटे गांवों और शहरों से निकलकर एथलीट नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. सदियों तक हिंदुस्तान को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों की धरती पर शान से मेडल जीतकर भारतीय एथलीट आजादी का 75वां जश्न मनाना शुरू कर चुके हैं. 23 साल की उम्र में ऊंची कूद इंवेट में कांस्य पदक जीतकर तेजस्विन शंकर ने इतिहास बना दिया. 

अब जब उन्होंने बर्मिंघम में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है तो चारों ओर उनकी चर्चा हो रही है और हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहे है. लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए तेजस्विन ने जिस लगन, समर्पण और मेहनत को अंजाम दिया वो भी उतनी ही महान है जितना उनका रिकॉर्ड.

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद मिली थी बर्मिंघम जाने की अनुमति

कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने से लेकर मेडल जीतने तक का तेजस्विन का सफर बेहद संघर्षों से घिरा रहा. उन्हें ऊंची कूद में हिस्सा लेने वाली टीम में भी जगह नहीं मिली थी. कॉमनवेल्थ गेम्स के लिये AFI द्वारा चुनी गयी भारतीय एथलेटिक्स टीम में तेजस्विन को सिर्फ इसलिए नहीं चुना गया था क्योंकि उन्होंने अमेरिका में प्रैक्टिस करने की वजह से इंटर स्टेट कंपटीशन में भाग नहीं लिया था. 

दरअसरल, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) द्वारा निर्धारित एलिजिबिलिटी स्टैंडर्ड हासिल करने के बावजूद तेजस्विन को टीम में जगह नहीं दी गई थी. अमेरिका में प्रैक्टिस कर रहे तेजस्विन शंकर को भारतीय टीम से इसलिए बाहर कर दिया था क्योंकि उन्होंने भारत की नेशनल इंटर स्टेट मीट में भाग नहीं लिया था. इससे AFI के सेलेक्टर नाराज थे. 

इवेंट से महज 3 दिन पहले पहुंचे थे बर्मिंघम

इसके बाद उन्होंने इस फैसले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. एक महीने की लंबी लड़ाई के बाद उनको जीत मिली और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर तेजस्विन को राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने की मंजूरी मिल गई. इस प्रक्रिया की वजह से तेजस्विन अपनी इवेंट से महज 3 दिन पहले बर्मिंघम पहुंचे थे. लेकिन फिर भी उन्होंने अपने हौसले पस्त नहीं होने दिए और खुद को मजबूत बना रखा. 

भारत को पुरुषों की ऊंची कूद इंवेट में CWG के इतिहास में पहली बार मेडल मिला. तेजस्विन शंकर ने राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में बुधवार को भारत का खाता खोलते हुए पुरूषों की ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था. तेजस्विन शंकर ने एथलेटिक्स की ऊंची कूद में 2.22 मीटर की छलांग लगाई और देश के लिये पहला ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कारनामा किया. 23 वर्षीय तेजस्विन शंकर के सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2.27 मीटर तो वहीं पर पर्सनल बेस्ट प्रदर्शन 2.29 मीटर है.

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