डेब्यू टेस्ट में जड़ा शतक, फिर 10 महीने में खत्म हो गया करियर, भावुक कर देगी सचिन के दोस्त की कहानी

हैरानी की बात ये है कि इंटरनेशनल क्रिकेट के अपने पहले ही मैच में शतक ठोकने वाले इस धाकड़ बल्लेबाज का करियर एक साल के भीतर ही खत्म हो गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2021, 06:13 AM IST
  • साउथ अफ्रीका दौरे पर ही रच दिया था इतिहास
  • 10 महीने में खत्म कर दिया गया उनका करियर
डेब्यू टेस्ट में जड़ा शतक, फिर 10 महीने में खत्म हो गया करियर, भावुक कर देगी सचिन के दोस्त की कहानी

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम कभी भी दक्षिण अफ्रीका की धरती पर टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है. इसके बावजूद टीम इंडिया की ओर से अफ्रीकी धरती पर खेलते हुए कई खिलाड़ियों ने यादगार प्रदर्शन किया है.

इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं प्रवीण आमरे.
प्रवीण आमरे ने दक्षिण अफ्रीका में ही टेस्ट क्रिकेट में ऐसा डेब्यू किया था जो हर खिलाड़ी का सपना होता है. प्रवीण आमरे ने अपनी बल्लेबाजी से अफ़्रीकी गेंदबाजों को खूब परेशान किया और जबरदस्त शतक जड़ा.

हैरानी की बात ये है कि इंटरनेशनल क्रिकेट के अपने पहले ही मैच में शतक ठोकने वाले इस धाकड़ बल्लेबाज का करियर एक साल के भीतर ही खत्म हो गया. कोई यकीन भी नहीं कर सकता है कि इतने प्रतिभावान खिलाड़ी को बाद में मौके क्यों नहीं मिले.

टीम इंडिया के पहले साउथ अफ्रीका दौरे पर ही रच दिया था इतिहास
प्रवीण आमरे ने 1992-93 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे से भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. भारतीय टीम पहली बार इसी साल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गयी थी.

प्रवीण ने दुनिया की सबसे तेज पिचों में से एक डरबन में पहले ही मैच में शतक लगाकर इतिहास रचा था. वह नौवें भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाया.

प्रवीण आमरे सचिन तेंदुलकर के खास दोस्त कहे जाते थे क्योंकि सचिन और आमरे दोनों एक ही कोच के शिष्य थे. रमाकांत आचरेकर ने ही सचिन तेंदुलकर को बचपन से क्रिकेट के गुर सिखाए थे.

10 महीने में खत्म कर दिया गया करियर
प्रवीण आमरे मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज थे और छठे नंबर पर खेलते हुए उन्होंने पहला शतक लगाया था. उन्होंने 103 रन की पारी खेली थी.

यह पारी एलन डॉनल्ड, ब्रायन मैकमिलन और मेरिक प्रिंगल जैसे गेंदबाजों का सामना करते हुए खेली गई थी. आमरे के शतक के बूते भारत ने पहली पारी में बढ़त ली थी. उन्होंने 11 टेस्ट खेले और 42.50 की औसत से 425 रन बनाए. इस दौरान एक शतक और तीन फिफ्टी उनके नाम रही. मगर बावजूद इसके उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया.

किसी क्रिकेटर के साथ इतना गलत कैसे किया जा सकता है कि जिसने डेब्यू में ही इतिहास रच दिया हो उसे दोबारा मौका ही न मिले. प्रवीण आमरे ने नवबंर 1992 में टेस्ट डेब्यू किया और अगस्त 1993 में आखिरी मैच खेला यानी 10 महीने में ही उनका टेस्ट करियर खत्म हो गया.

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