स्कूलों के बाहर आस-पास नहीं बिकेंगे जंक फूड, पिज्जा-बर्गर के विज्ञापन पर भी पाबंदी

नोटिफिकेशन के मुताबिक जिन खाने-पीने का सामान में वसा (Fat), ट्रांस वसा, चीनी और नमक की अधिक मात्रा होगी उन्हें स्कूली परिसरों के 50 मीटर के दायरे, स्कूल की कैंटीन, हॉस्टल की कैंटीन में बेचने की अनुमति नहीं होगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2020, 04:29 PM IST
    • अधिक मात्रा में वसा (Fat), ट्रांस वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थ को मनाही
    • स्कूल प्रशासन भी इन्हें न बेचने की अपील और विज्ञापन न लगाने का आदेश बोर्ड स्कूल के पास लगाएगा
स्कूलों के बाहर आस-पास नहीं बिकेंगे जंक फूड, पिज्जा-बर्गर के विज्ञापन पर भी पाबंदी

नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण के बीच धीरे-धीरे स्कूल खोले जाने को लेकर गाइडलाइंस आ गई है. इसी बीच FSSAI ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश दिया है. खाद्य नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (fssai) ने स्कूल परिसरों के 50 मीटर के दायरे और स्कूलों की कैंटीन (School Canteens) के अंदर जंक फूड की बिक्री (Junk Food sale) और विज्ञापन पर रोक लगा दी है. 

सुरक्षित और पोषित आहार के प्रति जागरूक कदम
FSSAI का यह फैसला बच्चों को सेहतमंद भोजन और खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करने के लिए लिया गया है.  इसे बच्चों के लिए सुरक्षित और पोषण आहार के प्रति जागरुक करने वाला कदम बताया.

खाद्य नियामक ने कहा कि तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद खाद्य संरक्षा और मानक नियम-2020 को नोटिफाइड कर दिया गया है. इसे नोटिफाइड करने से पहले सभी हितधारकों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है.

सुरक्षित-संतुलित सेहतमंद भोजन के की सूची बनाने के निर्देश
नोटिफिकेशन के मुताबिक जिन खाने-पीने का सामान में वसा (Fat), ट्रांस वसा, चीनी और नमक की अधिक मात्रा होगी उन्हें स्कूली परिसरों के 50 मीटर के दायरे, स्कूल की कैंटीन, हॉस्टल की कैंटीन में बेचने की अनुमति नहीं होगी. एफएसएसएआई ने राज्यों के स्कूली शिक्षा विभागों और खाद्य प्राधिकरणों को बच्चों के लिए सुरक्षित और संतुलित सेहतमंद भोजन की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं. 

50 मीटर के दायरे में विज्ञापन की भी मनाही
इसके साथ ही इस तरह के खाने-पीने का सामान बनाने वाली कंपनियों को भी स्कूल के 50 मीटर के दायरे और कैंटीन में विज्ञापन करने की मनाही होगी. इसमें ब्रांड का नाम, लोगो, पोस्टर, बच्चों की किताब-कॉपी के कवर इत्यादि पर होने वाला विज्ञापन भी शामिल हैं.

स्कूल प्रशासन को भी इस तरह का खाने-पीने का सामान नहीं बेचने के बोर्ड अंग्रेजी और एक भारतीय भाषा में स्कूल के भीतर और स्कूल के गेट और आसपास लगाने के निर्देश दिए गए हैं.

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