नई दिल्ली: बहुत से लोग दही को गलत ढंग से खाते हैं और इस प्रकार उन्हें लाभ की बजाए नुकसान पहुंचने लगता है. बहुत से लोग यह मानते हैं कि दही प्रकृति में ठंडी होती है और इसलिए इसे गर्मियों में ही खाना चाहिए, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है.
दरअसल, आयुर्वेद के मुताबिक दही की प्रकृति गर्म होती है, यह वजन बढ़ाने में मदद करती है और इसे रोजाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे पचाने में काफी मेहनत लगती है और यह काफी हैवी होती है.
जानिए दही से जुड़े कुछ आयुर्वेदिक फैक्ट
- दही को गर्म करके नहीं खाना चाहिए क्योंकि गर्म करने से इसमें मौजूद गुण खत्म हो जाते हैं.
- जिन लोगों को मोटापा, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और इन्फ्लेमेटरी स्थितियां हैं, उनको दही का सेवन नहीं करना चाहिए.
- दही को कभी भी रात में नहीं खाना चाहिए.
- दही को रोजाना न खाएं. इसकी बजाए छाछ का सेवन जिसमें, नमक, जीरे जैसे कई तरह के मसाले मिले होते हैं, को इसमें शामिल करके पी सकते हैं.
- दही को फलों के साथ मिक्स करके न खाएं नहीं तो मेटाबोलिक समस्याएं और एलर्जी जैसी समस्या देखने को मिल सकती है.
- मछली और मीट के साथ भी दही को न खाएं.
दही का सेवन करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
- कभी भी बासी हो चुका दही नहीं खाना चाहिए.
- कभी भी रात के समय दही नहीं खानी चाहिए.
- अगर आप मांसाहार का सेवन कर रहे हैं, तो कभी भी उसके साथ दही का सेवन न करें.
- अगर आपको सर्दी, जुकाम, खांसी या कफ की समस्या है, तो दही का सेवन बिल्कुल न करें.
- अगर आप सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे है, तो आपको दही का सेवन करने से बचना चाहिए.
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