नई दिल्ली: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है. जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) पर इस तिमाही के लिए उन्हें ब्याज बढ़कर नहीं मिलेगी. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए जनरल प्रॉविडेंट फंड या सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और इसी तरह के अन्य फंड्स पर चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए 7.1 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रखा है. इससे पिछली यानी 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में भी जीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत थी. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना में कहा है कि, यह दर एक जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक के लिए वैध है. यह दर एक जनवरी, 2023 से लागू हो गई है.
क्या है GPF
GPF एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम है, जो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को यह अनुमति होती है कि वो अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा इस स्कीम में डाल सकते हैं और इस फंड में उनका कॉन्ट्रिब्यूशन एक्युमुलेट होता रहता है. जब वो रिटायर होते हैं, तो उनका पूरा अमाउंट उन्हें चुका दिया जाता है. सरकार हर तिमाही पर पर जीपीएफ के ब्याज दरों में संशोधन करती है. 7.1% की यह दर दूसरी सरकार की ओर से संचालित दूसरे प्रॉविडेंट फंड्स पर भी लागू होती है.
यहां पर मिलेगा ज्यादा रिटर्न का फायदा
आपको बताते चलें कि पिछले हफ्ते के अपडेट में सरकार ने पब्लिक प्रॉविडेंट फंड की ब्याज दरों में भी संशोधन किया था, लेकिन इसकी दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया था. इसकी दरें भी 7.1 फीसदी पर बनी हुई हैं. हालांकि, छोटी बचत योजनाओं जैसे पोस्ट ऑफिस एफडी, एनएससी और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना सहित लघु बचत जमा योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई थी. यह नई दर 1 जनवरी से लागू हो गई है. मुख्य रूप से डाकघर की ऐसी योजनाओं का ब्याज बढ़ाया गया है, जिन पर आयकर लाभ नहीं मिलता है. बालिका बचत योजना 'सुकन्या समृद्धि' की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है.
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