नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को जिम्मेदारी आउटसोर्स करने के तीन साल बाद अगले शैक्षणिक सत्र से पीएचडी में दाखिले के लिए आंतरिक प्रवेश परीक्षा फिर से शुरू करेगा. कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने सोमवार को यह घोषणा की.
छात्रों ने विश्वविद्यालय के सामने रखी ये मांग
पंडित ने कहा कि बहुमत की राय इस पक्ष में थी कि संबंधित प्रवेश परीक्षा पिछले पैटर्न के माध्यम से आयोजित की जाए. छात्र और शिक्षक मांग करते रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी फिर से ले. पंडित ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम पीएचडी प्रवेश के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा बहाल करेंगे, क्योंकि बहुमत की राय है कि पीएचडी के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण महत्वपूर्ण है; बहुविकल्पी प्रश्नों से ऐसा नहीं हो पाता है."
शिक्षक संघ ने मुद्दे को लेकर किया था प्रदर्शन
एनटीए पिछले तीन साल से परीक्षा करा रही थी. पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा में शामिल होना होता था. इस साल की शुरुआत में, जेएनयू शिक्षक संघ ने एक बयान में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले बेहद घटिया तरीके से किए जा रहे हैं. जेएनयू छात्र संघ ने भी विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वायत्तता बहाल करने और परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय को वापस देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
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