नई दिल्ली. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक गुरुद्वारे पर हमला किया गया. इस हमले में कम-से-कम तीन लोग मारे गए थे. शनिवार सुबह काबुल में सिखों के आख़िरी बचे हुए गुरुद्वारे करते परवान में कुछ बंदूकधारियों ने पहले गार्ड को मार डाला और फिर परिसर के पास एक कार बम में धमाका किया. हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट यानी आईएस ने ली है और कहा है कि यह हमला पैग़ंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ दिए गए आपत्तिजनक बयान का बदला है.
पैगंबर विवाद का बदला
काबुल के एक गुरुद्वारें में किए गए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेते हुए आतंकवादी संगठन आईएस ने कहा कि, यह हमला भारत में दिए गए पैगंबर पर आपत्तिजनक बयान का बदला है. काबुल पुलिस के प्रवक्ता ख़ालिद ज़रदानी ने इस हमल में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. प्रवक्ता के अनुसार हमले में एक सिख व्यक्ति, एक तालिबान अधिकारी और एक अज्ञात हमलावर की मौत हो गई.
तालिबान ने की हमले की निंदा
आईएस द्वारा काबुल के गुरुद्वारे में किए हमले की तालिबान ने कड़ी निंदा की है. तालिबान ने हमले को कायराना कार्रवाई बताया है. साथ ही भारत सरकार ने भी गुरुद्वारा पर किए गए हमले की निंदा की है.
हमले पर काबुल पुलिस के प्रवक्ता ख़ालिद ज़दरान ने कहा कि आम नागरिकों को निशाना बनाना हमलावरों के कायराना रवैये को दिखाता है. उन्होंने कहा, "हमारे कॉमरेडों ने सिख समुदाय के लिए अपनी ज़िंदगी कुर्बान की, उनकी सुरक्षा इस्लामी सरकार के भीतर उनका हक़ है."
अफगानिस्तान का आखिरी गुरुद्वारा
ये गुरुद्वारा अफ़ग़ानिस्तान में बचा आख़िरी गुरुद्वारा है. अफ़ग़ानिस्तान में सिख समुदाय के लोगों ने हाल ही में बताया था कि वहाँ अभी केवल 140 सिख रह गए हैं, जबकि 1970 के दशक में वहाँ लगभग एक लाख सिख रहा करते थे.
नूपुर शर्मा ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
बता दें कि कुछ दिनों पहवे भाजपा से निष्काषित नेता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद भाजपा ने उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
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