नई दिल्लीः देश के कुछ बेहतरीन पर्यटन स्थलों की बात करें तो गोवा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. समंदर से घिरे गोवा की सुंदरता हर मौसम में मनमोहक लगती है. इसकी खासियत है यहां के शानदार बीच. अब गोवा की तरह ही आंध्र प्रदेश की सरकार ने एक कोस्टल जोन टूरिज्म मास्टक प्लान (सीजेडटीएमपी) तैयार किया है.इस मेगा प्लान का उद्देश्य राज्य के बीच को शानदार बनाने का है और गोवा की तरह ही पर्यटकों को लुभाने का ही है.
जानिए क्या है ये प्लान
आंध्र सरकार के इस प्लान के तहत 12 तटीय जिलों की तस्वीर बदली जाएगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही पर्यटन विभाग ने तमाम संस्थाओं के साथ मिलकर एक सर्वे किया था. पिछले हफ्ते इस सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया कि 289 ऐसे तट हैं जिन्हें पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है.
जिलाधिकारियों को दिए गए ये निर्देश
सरकार ने इन सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो तमाम स्टेकहोल्डर्स और अन्य लोगों से संपर्क करके इन बीचों का निर्माण करने पर ध्यान दें. रिपोर्ट में सामने आया कि बीच के निर्माण होने से राज्य को पर्यटन केंद्र के रूप में नई पहचान दी जाएगी और इससे लोग राज्य की ओर आकर्षित होंगे.
इस जिले में होंगे सबसे अधिक बीच
इस रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले को सबसे अधिक फंड दिया जाएगा. दरअसल, इस जिले में तकरीबन 60 बीचों की पहचान की गई है जो राज्य में बाकी जिलों की तुलना में सबसे अधिक है. इसके अलावा नेल्लोर जिले में 40 बीच की पहचान की गई है और वहीं बपातला में 28 ऐसे स्थानों की पहचान की गई है जहां बीच का निर्माण किया जा सकता है.
सरकार की तैयारी है कि एक बार सर्वे को और पुख्ता करने के बाद प्राइवेट कंपनियों से बीच के निर्माण की बात की जाएगी. कई प्राइवेट कंपनियों से बातचीत चल भी रही है. रिपोर्ट की मानें तो आंध्र प्रदेश सरकार अपने पर्यटन क्षेत्र में विकास के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी में है.बता दें कि फिलहाल देश में बीच की सुंदरता के लिहाज से गोवा को प्रमुख पर्यटन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.
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