नई दिल्ली: आरबीआई अधिकारी नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक थोक और खुदरा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के क्रियान्वयन को लेकर काम कर रहा है. केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
वित्त मंत्री ने की थी डिजिटल करेंसी पेश करने की घोषणा
चौधरी ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सीबीडीसी पेश किये जाने की घोषणा की थी. इसके लिये वित्त विधेयक पारित होने के साथ आरबीआई कानून, 1934 में संबंधित धारा में जरूरी संशोधन किये गये. चौधरी ने कहा कि वित्त विधेयक के पारित होने के साथ रिजर्व बैंक पायलट आधार पर सीबीडीसी का क्रियान्वयन करने की स्थिति में आ गया है.
उद्योग मंडल फिक्की के पीआईसीयूपी फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई थोक और खुदरा खंड में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन की दिशा में काम कर रहा है.’’ सीबीडीसी डिजिटल मुद्रा है. हालांकि, इसकी निजी डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी से तुलना नहीं की जा सकती, जो पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है. निजी डिजिटल मुद्रा का कोई जारीकर्ता नहीं है और किसी व्यक्ति के ऋण या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है.
इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह होगी डिजिटल करेंसी
देश की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में पेश किये जाने की संभावना है. यह वर्तमान में उपलब्ध निजी कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह होगी. सीबीडीसी सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा होगी.
तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल भुगतान क्षेत्र में वित्तीय प्रौद्योगिकी की भूमिका पर अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने नवोन्मेष को बढ़ावा दिया है और उसकी फिनटेक की तरफ से पेश किये जाने वाले नये-नये उत्पादों और सेवाओं से जुड़े लाभ और जोखिम पर कड़ी नजर है.
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