नई दिल्ली: कोरोना के बाद देश पर दूसरा सबसे बड़ा खतरा टिड्डियों के रूप में आ चुका है और अगर आप इस बड़े खतरे को लेकर गंभीर नहीं हैं, तो अब गंभीर हो जाइए. क्योंकि टिड्डियों का खतरा ग्रामीण भारत के लिए बहुत डराने वाला है.
इन राज्यों को नुकसान पहुंचा रहा टिड्डी दल
ये बात हर कोई जानता है कि टिड्डियों का झुंड देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत हैं. देश में सबसे ज्यादा राज्य जो प्रभावित हैं पहले उन राज्यों के बारे में जान लीजिए. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा वो राज्य हैं, जहां टिड्डियों का झुंड पहुंच चुका है और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है.
आपको इस बात की पूरी जानकारी तफसील से देते हैं, कि ये कितना बड़ा खतरा है और इसका असर सिर्फ किसानों पर नहीं, किसी के भी जीवन पर पड़ सकता है. ऐसे में आपको पूरी जानकारी से रूबरू करवाते हैं.
छोटी सी टिड्डी, बड़ा खतरा
आपको बता दें, दुनियाभर में टिड्डियों की 10,000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. अंटार्कटिका को छोड़कर सभी प्रायद्वीपों पर पाई जाती हैं. दुनिया की 10% आबादी की जिंदगी को प्रभावित करती हैं. एक टिड्डी दल में 10 अरब टिड्डियां हो सकती हैं. जबकि एक टिड्डी का वजन करीब 2 ग्राम होता है और ये 1 बार में 200 किलोमीटर तक का रास्ता तय कर सकती हैं.
रोजाना अपने वजन के बराबर का खाना खा सकती हैं. 1 स्कवायर किलोमीटर में टिड्डी दल 350000 लोगों का खाना खा जाता है. 1 मादा टिड्डी एक बार में 95 से 158 अंडे दे सकती है. 1 टिड्डी 3 से 5 महीने तक जिंदा रहती है. यहां आपका ये भी जानना जरूरी हो जाता है कि ये टिड्डी दल कब आता है.
टिड्डी झुंड कब आता है?
आपको बता दें, किसानों के सबसे बड़े दुश्मन यानी टिड्डी दल मॉनसून शुरू होने से कुछ पहले अपना कहर बरपाते हैं. जून-जुलाई के महीने में टिड्डी का 'आतंक' देखने को मिलता है. मॉनसून खत्म होने के बाद अक्टूबर-नवंबर में लौट जाती हैं.
टिड्डियों से किन फसलों पर खतरा
हरी सब्जी- लौकी, भिंडी, करेला, तोरई
पत्तेदार सब्जी- पालक, मूली, चौराई
फल- आम, अमरूद, नारंगी, अंगूर
देश में टिड्डी का खतरा कितना बड़ा है?
अब आपको ये बताते हैं कि हमारे देश यानी भार के लिए टिड्डी कितना बड़ा खतरा है. ये पिछले 27 साल में टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला है. जिसमें 8 हजार करोड़ रुपये की मूंग की फसल के बर्बाद होने का डर है. राजस्थान में 5 लाख हेक्टेयर की फसल टिड्डियों ने तबाह की. वहीं बीकानेर में 700 हेक्टेयर में रुई की फसल बर्बाद हुई है.
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के 16 जिलों में टिड्डियों का हमला हुआ, वहीं उत्तर प्रदेश के 17 ज़िलों में टिड्डियों ने फसलों को खाया. 8 राज्यों के दर्जनों जिलों में टिड्डियों के हमले में भारी नुकसान हुआ है. टिड्डियों के झुंड ने करोड़ों रूपयों की फसलें बर्बाद कर दी.
टिड्डियों को भगाने के लिए क्या करें किसान?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि इससे बचने के लिए क्या उपाय किया जाए. ऐसे हम आपको बता दें कि टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव करना आवश्यक है. खेतों की निगरानी करें और खेतों में धुंआ करें. जब आपको टिड्डी दल के आने की आशंका है तो थाली बजाकर और डीजे बजा उसे भगा सकते हैं.
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