UGC: बेटियों को फेलोशिप देने के लिए यूजीसी लाने जा रहा ये योजना

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) में पांच नई योजनाओं पर काम चल रहा है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी. इन योजनाओं का उद्देश्य स्कॉलर्स को शिक्षा जगत से जोड़े रखना है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 3, 2022, 08:52 PM IST
  • शिक्षण संस्थानों को किया जाएगा मजबूत
  • सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप योजना
UGC: बेटियों को फेलोशिप देने के लिए यूजीसी लाने जा रहा ये योजना

नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) में पांच नई योजनाओं पर काम चल रहा है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी. इन योजनाओं का उद्देश्य स्कॉलर्स को शिक्षा जगत से जोड़े रखना है. यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार के मुताबिक, सीखने की प्रक्रियाओं के अलावा, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है. 

शिक्षण संस्थानों को किया जाएगा मजबूत
यूजीसी चेयरमैन का कहना है कि निचले स्तर पर शिक्षण संस्थानों को मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे पास आईआईटी और कई केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे उत्कृष्ट संस्थान हैं, लेकिन निचले स्तर पर विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के लाखों छात्र और शिक्षकों मजबूत करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि यूजीसी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की योजना बना रहा है. पांच नई योजनाओं को यूजीसी अगले 1-2 सप्ताह में घोषणा करेगा.

सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप योजना
यूजीसी के मुताबिक, इनमें से एक योजना सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप होगी. इसका अर्थ यह है कि यदि शोधार्थी अपने परिवार में एकल बालिका है तो वह शोध करने के लिए इस श्रेणी के अंतर्गत फेलोशिप प्राप्त कर सकती है.

यूजीसी का यह भी कहना है कि देशभर के विश्वविद्यालयों में पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च फेलोशिप शुरू की जाएगी. इसके साथ ही यूजीसी विश्वविद्यालयों में नए भर्ती किए गए फैकल्टी सदस्यों को कुछ सीड फंडिंग भी देने जा रही है.

ओरिजिनल रिसर्च के लिए मिलेगी निधि
नए फैकेल्टियों की ही तरह यूजीसी एक और योजना लेकर आ रही है. यह योजना उन फैकेल्टी के लिए है जो कि मध्य श्रेणी में आते हैं, यानी उनको अनुभव है, लेकिन आयु 50 वर्ष से कम है. यूजीसी का कहना है कि ऐसे फैकेल्टियों को ओरिजिनल रिसर्च करने के लिए निधि देंगे. यूजीसी अपनी नई योजनाओं के माध्यम से ऐसे फैकेल्टी तक भी पहुंचने की कोशिश करेगा, जो विस्तृत अनुभव रखते हैं और यहां तक कि रिटायर्ड भी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी बहुत सक्रिय हैं.

यूजीसी का कहना है कि ऐसे फैकेल्टी के लिए भी एक शोध योजना शुरू की जा रही है. ऐसे सेवानिवृत्त फैकेल्टी विश्वविद्यालयों में कुछ और समय के लिए काम कर सकेंगे, अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहे युवा फैकल्टी ऑफ को आवश्यक मार्गदर्शन दे सकते हैं. यूजीसी चेयरमैन का यह भी कहना है कि पेटेंट अनुसंधान पर पर्याप्त पेटेंट दायर किए जाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं.

शोध के विषय पर यूसीजी का कहना है, "यदि आप केवल शोध करते हैं और पत्रिकाओं में प्रकाशित करते हैं, तो इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. हमें उस शोध को किसी प्रकार के प्रोटोटाइप और अंतिम उत्पाद में बदलने की जरूरत है, ताकि यह इस समाज की चुनौतियों का सामना कर सके."

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