नई दिल्ली: नए साल के मौके पर दिल्ली के अधिकतर हिस्से शीत लहर और भीषण ठंड की चपेट में होंगे तथा जनवरी की शुरुआत में यहां सर्दी का सितम और बढ़ने के आसार हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह पूर्वानुमान व्यक्त किया.
नए साल पर इतने डिग्री गिर सकता है पारा
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत अभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है और खाड़ी क्षेत्र से बहने वाली गर्म नम हवाओं के कारण यहां लोगों को ठंड से हल्की राहत मिली है. हालांकि मौसम विज्ञानियों ने 31 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट शुरू होने का अंदेशा जताया है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आगामी शनिवार को न्यूनतम तापमान घटकर छह डिग्री सेल्सियस हो जाएगा, जबकि सोमवार (दो जनवरी) को पारा चार डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने के आसार हैं. उसका पूर्वानुमान है कि पहली से चार जनवरी तक दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घना कोहरा छाये रहने और शीतलहर चलने के आसार हैं.
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर हुई बर्फबारी
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि उत्तर-पश्चिम से बहने वाली सर्द हवाओं और कोहरे से धूप की तीव्रता में कमी के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दिनों में शीत लहर और सामान्य से कम तापमान का दौर देखने को मिला था. उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई जबकि, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म होने के बाद मैदानी इलाके सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गिरफ्त में आ गए.
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, एक नए पश्चिमी विक्षोभ से उत्पन्न समान परिस्थितियों के कारण दिल्ली को जनवरी की शुरुआत में फिर भीषण ठंड का सामना करना पड़ेगा. एक ठंडा दिन वह होता है, जिसमें न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस कम या इसके बराबर, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है.
किस आधार पर तय किया जाता है 'अत्यधिक ठंडा दिन'?
अत्यधिक ठंडा दिन वह होता है, जिसमें अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक कम दर्ज किया जाता है. आईएमडी के मुताबिक, शून्य से 50 मीटर तक दृश्यता ‘बहुत घने’, 51 मीटर से 200 मीटर तक ‘घने’, 201 मीटर से 500 मीटर तक ‘मध्यम’ और 501 मीटर से 1000 मीटर तक दृश्यता ‘हल्के’ कोहरे की श्रेणी में आती है.
मैदानी इलाकों में यदि न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या फिर 10 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो जाता है, तो मौसम विभाग शीत लहर की घोषणा करता है. वहीं, गंभीर शीत लहर का दौर तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य तापमान से इसका अंतर 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है.
(इनपुट- भाषा)
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