भारतीय कर्मचारी लापता या PAK की बदले वाली साजिश? 'पापिस्तान' से 3 तीखे सवाल

क्या ISI भारतीय कर्मचारियों को लापता करती है? आखिर पाकिस्तान की राजधानी में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता कैसे हो गए? क्या वियना संधि के बार-बार उल्लंघन के बाद भी पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध खत्म नहीं कर लेना चाहिए?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 15, 2020, 02:20 PM IST
    • भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों का लापता होना 'साजिश'
    • भारत से बदला लेने के लिए पाकिस्तान की नई चाल?
    • इस्लामाबाद में भारतीय कर्मचारियों का अपहरण?
भारतीय कर्मचारी लापता या PAK की बदले वाली साजिश? 'पापिस्तान' से 3 तीखे सवाल

नई दिल्ली: इमरान खान का नया पाकिस्तान, एक ऐसा पाकिस्तान बन चुका है जहां सिर्फ और सिर्फ दहशतगर्दों की चलती है. जहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को भारत विरोधी साजिश रचने की छूट मिली है.

बदला लेने के लिए पाकिस्तान की 'साजिश'

भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों का लापता होना. इसके पीछे संयोग से ज्यादा साजिश नज़र आ रही है. साज़िश बदले वाली हो सकती है. दरअसल, पाकिस्तानी जासूसों को भारत ने लतियाकर खदेड़ दिया तो उनकी घर वापसी से आतंकिस्तान इस तरह घबराया हुआ है कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि वो कैसे बदला ले.

जासूसों को खदेड़े जाने से चिढ़ा था पाकिस्तान

दरअसल, भारत ने 31 मई को पाकिस्तान के जासूसों को वापस भेजा था जो भारत विरोधी षडयंत्र रचते पकड़े गए थे. उसके बाद से पाकिस्तान चिढ़ा हुआ है.

1 जून को पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा और भारत के एक्शन पर ऐतराज़ जताया. 2 जून को पाकिस्तानी मीडिया में भारत पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया.  3 जून को पाकिस्तान में भारतीय उप-राजदूत का पीछा शुरू किया. इस्लामाबाद में भारतीय अधिकारी के घर के बाहर ISI के एजेंट तैनात कर दिये और 4 जून को ISI एजेंट ने भारतीय राजनयिक को धमकी दी.

यानी पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों को परेशान करने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी बीच 15 जून यानी सोमवार को पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता हो जाते हैं. ऐसे में पाप के पनाहगार मुल्क पापिस्तान से ज़ी हिंदुस्तान डंके की चोट पर 3 तीखे सवाल पूछता है.

पापिस्तान के ना'पाक' करतूत पर 3 तीखे सवाल

सवाल नंबर 1) अगर बाजवा की फौज बॉर्डर पर भारतीय सेना के आगे टिक नहीं पाती तो इसका मतलब क्या इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के लोगों को परेशान किया जाएगा?

सवाल नंबर 2) अगर इमरान का दुष्प्रचार दुनिया भर में भारत के ख़िलाफ़ काम नहीं कर पाता तो इसका मतलब क्या भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों का उत्पीड़न किया जाएगा?

सवाल नंबर 3) अगर पाकिस्तान के जासूस दिल्ली में भारत विरोधी हरकत करते पकड़े जाएंगे और उन्हें वापस भेजा जाएगा तो क्या पाकिस्तान भारतीय कर्मचारियों को लापता करवा देगा?

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इमरान खान चाहते तो कोरोना काल में पाकिस्तान का चरित्र बदल सकते थे. इमरान खान चाहते तो पाकिस्तान को आतंकवाद छोड़कर अमन के रास्ते पर आगे बढ़ा सकते थे. लेकिन इमरान खान ने पाकिस्तान के चरित्र को और भी ज्यादा दागदार बना दिया.

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