कोरोना महामारी के '2 विलेन': आखिर क्यों WHO ने बरती इतनी सारी लापरवाही?

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन,.. कोरोना के खिलाफ जंग की इस मुश्किल दौर में WHO ने ढेर सारी कोताही बरती... इस लापरवाही की पूरी टाइमलाइन आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 9, 2020, 03:35 AM IST
    1. WHO की लापरवाही का पूरा टाइमलाइन
    2. लापरवाही या चीन के साथ साज़िश?
    3. WHO के ख़िलाफ़ ट्रंप के कड़े तेवर
    4. चेतावनी जारी करने में WHO की देरी
    5. WHO ने ये सबकुछ जानबूझकर किया?
कोरोना महामारी के '2 विलेन': आखिर क्यों WHO ने बरती इतनी सारी लापरवाही?

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 'चीन परस्त' कहा है. ट्रंप ने आरोप लगाया कि WHO ने कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत सारी गलतियां की हैं. WHO को बहुत पहले ही इस बीमारी के बारे में चेतावनी जारी करनी चाहिए थी, लेकिन WHO ने ऐसा नहीं किया.

सबसे पहले आपको WHO की लापरवाही की टाइमलाइन बताते हैं...

WHO की लापरवाही या चीन के साथ साज़िश?

दिसंबर 2019

  • ताइवान ने WHO को आगाह किया
  • इंसान से इंसान में फैलता है वायरस
  • WHO ने की अनदेखी

7 जनवरी 

  • WHO ने चीन को ही बताया पीड़ित 

23 जनवरी 

  • भारत ने WHO को एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा 
  • WHO ने अनदेखी की 
  • नवंबर में पहला केस, 22 जनवरी तक कोई जांच नहीं

24 जनवरी 

  • WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेसी घोषित किया
  • लेकिन यात्राओं पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश नहीं  

27 जनवरी 

  • 13 देशों में वायरस फैला तब भी महामारी घोषित नहीं  
  • 13 से ज्यादा देशों ने WHO को जानकारी दी 
  • लेकिन WHO ने महामारी मानने से इनकार किया

31 जनवरी 

  • ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की 
  • लेकिन महामारी की घोषणा नहीं

11 मार्च 

  • कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया

ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री लुइज़ हेनरिक का आरोप

  • WHO ने हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा में देरी की

जापान के डिप्टी पीएम का आरोप

  • WHO का नाम बदलकर 'चाइनीज स्‍वास्‍थ्‍य संगठन' कर देना चाहिए

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है, कोरोना की मार झेल रहे देश अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO पर जमकर भड़ास निकाली. यहां तक कह दिया कि अमेरिका WHO को अमेरिका से मिलने वाला फंड रोक देगा. 

WHO के ख़िलाफ़ ट्रंप के कड़े तेवर

हालांकि इसके फौरन बाद ट्रंप ने इस बयान पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि मैंने ये नहीं कहा कि मैं अभी ये करने जा रहा हूं. लेकिन, इतना ज़रूर है कि आने वाले दिनों में हम इसे देखेंगे और जांच करेंगे.

लेकिन अगर आप इस कड़े तेवर का मतलब निकालें तो पाएंगे कि WHO पर आज नहीं तो कल अमेरिका की गाज गिरनी तय है और इसकी बड़ी वजह भी ट्रंप ने दुनिया को बताई.

चेतावनी जारी करने में WHO की देरी

डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, "जब हमने ट्रैवल पर बैन लगाया था तो WHO ने इसकी आलोचना की थी. उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत सारी ग़लतियां की हैं. उन्हें (WHO) और पहले इस बीमारी के बारे में चेतावनी जारी करनी चाहिए थी."

ट्रंप के इस गंभीर आरोप में दम है, क्योंकि अगर आप सिलसिलेवार तरीके से घटनाक्रम को देखेंगे तो पाएंगे कि चीन को कोरोना वायरस के हर आरोप से बचाने में WHO का बड़ा हाथ रहा है, इतना ही नहीं, जब सारी दुनिया चीन पर वायरस फैलाने के आरोप लगा रही थी, तब भी WHO के चीफ चीन की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे.

WHO करता रहा चीन की तारीफ़

चीन और WHO की सांठगांठ पर शक इसलिए भी गहराता है क्योंकि एक तरफ जहां चीन ने कोरोना वायरस को लेकर दिसंबर जनवरी में दुनिया से सच्चाई छिपाई, तो वहीं दूसरी तरफ WHO ने भी ना अपनी तरफ से वुहान में जांच के लिए कोई टीम भेजी, ना ही हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने में तेजी दिखाई, यहां तक कि चीन की दी गई जानकारियों के आधार पर ही 5 जनवरी को जारी एक रिपोर्ट में झूठ बोला कि कोरोना वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता. इसके कोई सबूत नहीं मिले और वुहान में किसी हेल्थ केयर वर्कर के भी संक्रमित होने की कोई रिपोर्ट नहीं है.

जबकि, दिसंबर 2019 में ही वुहान के अस्पताल में दो डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के लक्षण से घिरे होने के बाद खुद को क्वारंटाइन कर लिया था. साज़िश इतने पर ही खत्म नहीं होती, आपको अब ताइवान की एक चेतावनी के बारे में भी बताते हैं.

ताइवान ने 2019 के आखिर तक इंसान से इंसान में संक्रमण फैलने को लेकर WHO को आगाह कर दिया था. लेकिन, WHO ने ताइवान की इस चेतावनी की भी अनदेखी की.

ऐसे में सवाल उठता है क्यों? 

क्या WHO ने ये सबकुछ जानबूझकर किया?
क्या चीन को तमाम आरोपों से बचाने के लिए ही WHO हर वक़्त चीन के पक्ष में ही बैटिंग करता रहा?
क्या इसके पीछे WHO के महानिदेशक का अपना कोई हित था?

इसे भी पढ़ें: ट्रंप ने फिर की PM मोदी की तारीफ, कह दी ये बड़ी बात

अगर ऐसा है, तो क्यों ना दुनियाभर में कोरोना महामारी के लिए चीन और WHO दोनों को विलेन माना जाए, इन्हीं दोनों को कोरोना महामारी का सबसे बड़ा गुनहगार माना जाए?

इसे भी पढ़ें: 'चालबाज' चीन की मास्क और ग्लव्स वाली साजिश का खुलासा

इसे भी पढ़ें: भारत में रहने वाले अमरीकियों ने कहा - बाड़ी जाबो न !!

ट्रेंडिंग न्यूज़