नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं के लिए नया फरमान जारी किया है. रविवार को तालिबान ने कहा कि महिलाओं को अकेले लंबी दूरी की यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उनको लंबी दूरी पर जाने के लिए अपने करीबी पुरुष रिश्तेदार को साथ ले जाना होगा.
'हिजाब पहनी महिलाओं को ही गाड़ी में बैठाएं'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘मिनिस्ट्री फॉर द प्रोपेगेशन ऑफ वर्चु एंड प्रीवेंशन ऑफ वाइस’ ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि वाहन मालिक अपने वाहनों में उन्हीं महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति दें, जिन्होंने हिजाब पहना हो.
वहीं, 72 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने वाली अकेली महिलाओं को तभी बैठाएं, जब वे अपने परिवार के किसी करीबी पुरुष सदस्य के साथ हों.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकिफ मुहाजिर ने निर्देशों की जानकारी दी. इसके मुताबिक लोगों से अपने वाहनों में संगीत नहीं बजाने को कहा गया है.
महिलाओं के प्रति रुढ़िवादी सोच रखता है तालिबान
सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को अधिकार देने का दावा करने वाले तालिबान की असलियत इस आदेश के बाद फिर से उजागर हो गई है. हालांकि, यह पहला आदेश नहीं है, जिससे महिलाओं के प्रति तालिबान की रुढ़िवादी सोच का पता चलता हो.
इससे पहले अफगानिस्तान में महिलाओं को नौकरी पर जाने से रोका गया था. तमाम लड़कियां स्कूली शिक्षा पाने से वंचित हैं. कुछ सप्ताह पहले तालिबा ने अफगान टीवी चैनलों में महिलाओं वाले सीरीयल और फिल्में दिखाने पर भी रोक लगा दी थी.
तालिबानी शासन में संकट से जूझ रहा अफगानिस्तान
बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान ने पूरे देश में कब्जा कर लिया था और तालिबानी शासन की घोषणा की थी. इसके बाद से तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता है. अफगानिस्तान इस समय संकट की स्थिति में है. वहां भुखमरी और आर्थिक संकट व्याप्त है, लेकिन तालिबान का ध्यान अफगानिस्तान को संकट से निकालने में कम और महिलाओं पर पाबंदियां लगाने पर अधिक है.
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