नई दिल्ली. पाकिस्तान में नेशनल असेंबली भंग होने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री की घोषणा शनिवार को हो गई. बलूचिस्तान अवामी पार्टी के नेता अनवर-उल-हक चुनाव तक देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेता विपक्ष राजा रियाज की चर्चा के बाद चुना गया है.
दरअसल अनवर-उल-हक का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा था. लंबे समय से देश की राजनीति में सक्रिय हक पश्तून समाज से ताल्लुक रखते हैं. उनकी पकड़ पश्तून और बलोच दोनों ही भाषाओं में है.
9 अगस्त को शहबाज शरीफ ने दिया इस्तीफा
इससे पहले 9 अगस्त को शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल पूरा हो गया था. संसद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई भाषण में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि 16 महीने का कार्यकाल ‘मेरे जीवन की सबसे कठिन परीक्षा’ रहा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को अपने 16 महीने के शासन के दौरान पिछले शासन की लापरवाही और विफलताओं का बोझ उठाना पड़ा.
अंतिम दिन क्या बोले शरीफ
नेशनल असेंबली में अपने विदाई भाषण में शरीफ ने कहा, ‘मुझे अपने 38 साल के लंबे राजनीतिक करियर में पहले कभी इतने कठिन दौर से गुजरना नहीं पड़ा क्योंकि देश गंभीर आर्थिक संकट में फंसा था, तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई थीं और राजनीतिक अराजकता की स्थिति थी.’
‘दुनिया के सामने सिर झुकाने’ का आरोप
उन्होंने खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर भारी कर्ज लेने और ‘दुनिया के सामने सिर झुकाने’ का भी आरोप लगाया. आतंकवाद में वृद्धि के बारे में शरीफ ने कहा कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें (आतंकवादियों को) पाकिस्तान में आने और बसने के लिए आमंत्रित किया. यह कदम उल्टा पड़ गया क्योंकि आतंकवाद फिर से सिर उठाने लगा और स्वात तथा उसके बाहर तबाही मचा रहा है.’
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