कोरोना वायरस पर सैटेलाइट इमेज ने खोला चीन का झूठ

चीन में कोरोना वायरस महामारी बन चुका है. इससे मारे गए लोगों की संख्या कई हजार हो चुकी है. लेकिन चीन अभी तक मौतों का आंकड़ा हजार से भी कम बता रहा है. लेकिन सैटेलाइट इमेजिंग से चीन के झूठ पर से पर्दा उठ रहा है.

Written by - Anshuman Anand | Last Updated : Feb 11, 2020, 07:35 PM IST
    • चीन में कोरोना वायरस से तबाही
    • भारी संख्या में लाशें जलाई जा रही हैं
    • सैटेलाइट तस्वीरों से राज खुला
    • वुहान और चोंगक्यांग शहरों के उपर भारी मात्रा में So2 गैस
    • लगभग 14 हजार लाशें जलाए जाने की आशंका
कोरोना वायरस पर सैटेलाइट इमेज ने खोला चीन का झूठ

नई दिल्ली: चीन के साथ साथ पूरी दुनिया के लिए कोरोना वायरस बड़ा खतरा बनता जा रहा है. लेकिन चीन अभी तक इस महामारी के प्रकोप को छिपाने की कोशिश कर रहा है.

सैटेलाइट तस्वीरों से खुला राज
चीन के वुहान और चोंगक्विंग शहरों की कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. जिससे पता चलता है कि इन दो जगहों पर भारी मात्रा में कुछ जलाया जा रहा है. क्योंकि इन दोनों इलाकों के उपर भारी मात्रा में सल्फर डाई ऑक्साईड गैस दिखाई दे रही है. वुहान के वायुमंडल सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर  1700 यूजी/घन मीटर है, जो सामान्य से 21 गुना ज्यादा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी भारी मात्रा में सल्फर डाई ऑक्साईड गैस तभी निकलेगी, जब लाशें जलाई जाएं.

14 हजार लाशों के जलाए जाने का शक
इन दोनों शहरों के उपर फैली सल्फर डाई ऑक्साईड की मात्रा को देखकर इंटेलवेब नाम की संस्था ने अनुमान लगाया है कि इन इलाकों में कम से कम 14 हजार शव जलाए गए हैं. चीन के सोशल मीडिया पर भी ये वायरल हो रहा है कि वुहान के बाहरी इलाकों में लोगों के शव जलाए जा रहे हैं. सल्फर डाई ऑक्साईड वुहान और चोंगक्विंग शहरों के उपर फैली है. ये दोनों शहर कोरोना वायरस की चपेट में हैं. इनकी दूरी 900 किलोमीटर है.

चीन ने मानी है मात्र 908 मौतों की बात
सैटेलाइट तस्वीरों को देखने से ऐसा लगता है कि चीन की सरकार मरने वालों की संख्या छिपाने के लिए बड़ी संख्या में शवों को जला रही है. क्योंकि चीन ने अब तक मात्र 908 लोगों की मौत की बात स्वीकार की है.
ब्रिटिश टैबलॉयड डेली मेल, डेली स्टार जैसे कई विदेशी अखबारों में इस बारे में रिपोर्ट छप चुकी है. अमेरिका के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक शवों को जलाने पर सल्फर  गैस के अलावा पारा, डाइऑक्सिन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड जैसे केमिकल भी निकलते हैं. जो कि चीन के कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों में दिखाई दे रहे हैं.

ताईवान के अखबार ने 24 हजार मौतों की आशंका जताई थी
ताइवान के एक न्यूज पेपर 'ताइवान न्‍यूज' में चार दिन पहले रिपोर्ट छापी थी कि चीन में कोरोना वायरस से डेढ़ लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं और 24 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. इस अखबार ने ये रिपोर्ट चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टेनसेंट के हवाले से छापी थी. टेनसेंट ने पहले तो डाटा रिलीज कर दिया, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. लेकिन तब तक ताइवान के एक न्यूज पेपर 'ताइवान न्‍यूज' ने इसे छाप दिया था. जिसके बाद दुनिया ने चीन में कोरोना वायरस की गंभीरता को समझा.
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गंभीर खतरे में है चीन के लोग
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ सप्ताह में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5 लाख तक हो सकती है. वुहान में 23 जनवरी से ही 1 करोड़ 10 लाख लोग घरों में बंद करके रखे गए हैं. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के तरीके का अध्ययन करके बताया है कि जिस रफ्तार से वुहान में कोरोना वायरस फैल रहा है, उससे फरवरी के आखिर तक वुहान की 5 फीसदी आबादी यानी लगभग 5 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएंगे.

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