Covid-19 की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब ऑस्ट्रेलिया, जल्द मिल सकती है 'Good News'

हर किसी को बड़ी ही बेसब्री से इतजार है कि कब कोरोना वायरस की वैक्सीन बनकर तैयार होगी, तो खुशखबरी ऑस्ट्रेलिया से आ रही है, पढ़िए यहां..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 5, 2020, 04:17 AM IST
    • ऑस्ट्रेलिया को कोरोना वैक्सीन बनाने पर बड़ी 'कामयाबी'
    • कोरोना को हराने को तैयार ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन!
    • CSIRO के निदेशक डॉ. ट्रेवर ड्यू ने किया बड़ा दावा
    • मिल सकती है वैक्सीन से जुड़ी 'Good News'
Covid-19 की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब ऑस्ट्रेलिया,  जल्द मिल सकती है 'Good News'

नई दिल्ली: चीन की लैब पर मौत वाला वायरस बनाने का आरोप है. तो कुछ लैब ऐसी भी हैं जो लोगों को ज़िंदगी देने के लिए रिसर्च कर रही हैं. मौजूदा समय में लगभग हर देश कोरोना वायरस कहर का सामना कर रहा है. ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से यही उम्मीद की जा रही है कि वो जल्द से जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करें. जिससे लोगों को इस जानलेवा बीमारी के खतरे से बचाया सके. इस बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑस्ट्रेलिया से एक अच्छी खबर आयी है.

ऑस्ट्रेलिया को वैक्सीन बनाने पर मिली बड़ी 'कामयाबी'

कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रही पूरी दुनिया को उस वैक्सीन का बेसब्री से इंतज़ार है, जो लोगों को कोरोना वायरस से बचा सके. जिसके आने के बाद लोग बेखौफ होकर अपने घरों से निकल सकें. खुली हवा में सांस ले सकें और खुलकर अपनी ज़िंदगी जी सकें. ये इतंज़ार बहुत जल्द खत्म होने वाला है. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच गए हैं.

कोरोना को हराने को तैयार ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन!

Commonwealth Scientific Industrial Research Organization यानी CSIRO ने दो अलग-अलग वैक्सीन की टेस्टिंग शुरु कर दी है. ये परीक्षण अभी जानवरों पर किया जा रहा है. एक वैक्सीन का टेस्ट इंजेक्शन से किया गया है. जबकि दूसरी वैक्सीन के लिए नेज़ल स्प्रे तैयार किया गया है.

ऑस्ट्रेलिया में जानवरों पर वैक्सीन के ट्रायल के बाद इसे इंसानों पर भी ट्रायल किया जाएगा. कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में जुटे Australian Animal Health Laboratory के डायरेक्टर प्रोफेसर ट्रेवर ड्यू के मुताबिक टेस्टिंग के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं.

डॉ. ट्रेवर ड्यू ने किया बड़ा दावा

CSIRO के निदेशक डॉ. ट्रेवर ड्यू का कहना है कि "परीक्षण किये जा रहे जानवर (फेरेट) के फेफड़ों के सेल्स की सतह पर प्रोटीन होता है जो इंसानों के फेफड़े से बहुत मिलता जुलता है. ऐसा लगता है वायरस ने जिस तरह से इंसान के फेफड़े पर असर डाला वैसे ही ये फेरेट के फेफड़े पर असर डाल रहा है."

डॉक्टर ट्रेवर की टीम की तरह ही दुनिया भर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता कोरोना वायरस की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की तैयारी हो रही है, लेकिन अभी तक वैक्सीन बन नहीं सका है.

  • 115 जगहों पर वैक्सीन की खोज हो रही है
  • दुनिया में 6 जगहों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल हो रहा है
  • दुनिया में 2 जगहों पर वैक्सीन की इंसानों पर जांच की जा री है
  • अमेरिका-ब्रिटेन में वैक्सीन की इंसानों पर जांच की जा रही है
  • वैक्सीन बनने में 12-18 महीने का समय लग सकता है
  • अमेरिका में सबसे ज्यादा वैक्सीन पर रिसर्च किए जा रहे हैं

इसे भी पढ़ें: हंदवाड़ा में फिर आतंकी हमला: CRPF के 3 जवान, 6 घायल

वैक्सीन बनाने में जुटे वैज्ञानिक इसके साइड इफैक्ट पर भी नज़र बनाये हुए हैं. डॉक्टरों की कोशिश सुरक्षित और आसरकारी वैक्सीन बनाने की है. उम्मीद है कि डॉक्टर और शोधकर्ता जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने में कामयाब होंगे.

इसे भी पढ़ें: ममता के कुशासन से बंगाल में कोरोना संक्रमण 

इसे भी पढ़ें: ढंग से राजनीति भी नहीं कर पाती कांग्रेस, मिनटों में उतर गई कलई!

ट्रेंडिंग न्यूज़