नई दिल्ली: चीन भारत को हर तरफ से घेरना चाहता है. इसलिए लक्षद्वीप से मात्र 600 किलोमीटर की दूरी पर चीन एक कृत्रिम द्वीप का निर्माण कर रहा है. इसका खुलासा हाल ही में हुआ है. ये चीन का एक पुराना विस्तारवादी तरीका है. जिसमें वह समुद्र के बीच में मलबा भर कर कृत्रिम द्वीप बनाता है और अपनी सीमा का विस्तार करता है. इसके पहले भी चीन इस तरह की हरकतें कर चुका है.
चीन की नीति हमेशा से विस्तारवादी रही है. जमीन तो एक तरफ छोड़िए वह समुद्र को भी नहीं छोड़ता. दक्षिण चीन सागर(south china sea) में वह इसी तरह कई कृत्रिम द्वीप बना चुका है. कुछ साल पहले इस इलाके में प्राकृतिक रुप से कई छोटे द्वीप थे. लेकिन चीन ने मलबे से भरे हुए कई जहाज भेजे और इन द्वीपों के इर्द गिर्द मलबा गिराना शुरु कर दिया.
समुद्र चीन की कमजोरी है. चीन को अपने इलाके में पेट्रोलियम और माल पहुंचाने के लिए भारत की समुद्री सीमा से गुजरना पड़ता है. भारत की समुद्री सीमा दुनिया में सबसे ज्यादा है. क्योंकि हमारे देश की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है. ऐसे में चीन को ये खतरा रहता है कि किसी भी तनाव की स्थिति में उसका समुद्री आवागमन और व्यापार पूरी तरह ठप हो सकता है. इसलिए चीन ने मलबा गिराकर समुद्र में कृत्रिम द्वीप बनाने शुरु किए.
चीन की ये विस्तारवादी नीति भारत के लिए खतरनाक है. मालदीव के पास कृत्रिम द्वीप बनाने से भारत की समुद्री सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. चीन भारत से 684 किलोमीटर की दूरी पर एक कृत्रिम द्वीप तैयार कर रहा है. इन तस्वीरों को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa ने जारी किया है.
#Feydhoofinolhu near #Male, #Maldives leased in 2017 for 50 years to #China sees a dramatic facelift (2020) courtesy land reclamation .. expanding not just its size but also the #OnebeltOneRoad footprint in the #IndianOcean #StringsOfPearls pic.twitter.com/lKPNAMqnZ2
— d-atis☠️ (@detresfa_) May 11, 2020