नई दिल्ली: चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1700 से ज्यादा हो चुकी है और करीब 70 हजार लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. वायरस से निपटने के लिए चीन ने लोगों पर हद से ज्यादा पाबंदी लगा दी है जो माओत्से तुंग के जमाने में लोगों पर कसे गए शिकंजे की याद दिलाता है.
चीनी नागरिकों पर माओ जैसा 'शिकंजा'
माओ ने भी 50-60 के दशक में चीन की अर्थव्यवस्था को उछाल देने के नाम पर 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' पॉलिसी को लागू करते वक्त अपने ही लोगों पर अत्याचार किए थे. माओ ने अपनी नीति के तहत लोगों के सामाजिक जीवन के साथ-साथ सूचनाओं पर नियंत्रण कर रखा था.
कोरोना का प्रहार, चीन में 'अत्याचार'!
चीन की सरकार कोरोना वायरस से युद्ध स्तर पर लड़ाई लड़ रही है और इस जंग ने चीन में गृह युद्ध जैसा हालात पैदा कर दिए है. चीनी पुलिस और सेना कोरोना नाम के जानलेवा दुश्मन से लड़ने के लिए सड़कों पर है और चीनी नागरिक इस दुश्मन के हमले के डर की वजह से घरों में कैद हैं.
'पहरे' में चीन की आधे से ज्यादा आबादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने गांवों और शहरों में लोगों पर नजर रखने के लिए लाखों वॉलंटियरों और कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं की फौज उतार दी है. लोगों को बेहद नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं है.
चीन वैसे भी हाई टेक उपकरणों के जरिए अपने नागरिकों की निगरानी के लिए कुख्यात रहा है. ऐसे वक्त में जब वायरस अपना कहर ढा रहा है, चीन लाखों वॉलंटियरों के जरिए लोगों की निगरानी कर रहा है. वॉलंटियर लोगों के शरीर के तापमान से लेकर उनके आने-जाने का ब्यौरा दर्ज कर रहे हैं. वे आइसोलेशन के लिए बनाई जगहों पर भी सारी व्यवस्था देख रहे हैं. ये वॉलंटियर बाहरी लोगों को भी संबंधित जगहों से दूर रख रहे हैं ताकि वायरस न फैले.
मास्क न पहने वाले लोगों पर सख्त अत्याचार हो रहा है मास्क न लगाने का मतलब जेल है, सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिन्हें देखकर किसी का भी कलेजा कांप जाए.
पहला वीडियो देखें
51yo shopper dragged from Chinese supermarket for refusing to wear face mask as the country deals with #coronavirus pic.twitter.com/R38Z4oSoSd
— RT (@RT_com) February 16, 2020
देखिए कैसे वॉलंटियर्स इस महिला को खींच कर जेल ले जा रहे हैं क्योंकि इसने मास्क नहीं पहना है.
2/14 #CoronavirusOutbreak
“Great discipline is taking place in China, as President Xi strongly leads what will be a very successful operation”- 2/7/2020 President Trump
Trust me on this. In socialist country, “Discipline” has different meaning. Today “no mask” means jail time. pic.twitter.com/i1YHdZ180k
— 西行小宝 (@htommy998) February 14, 2020
एक दूसरे वीडियो में लोगों को एक चेन के बांध कर जेल ले जाया जा रहा है.
What's wrong with the #China police? #coronavirus #COVID19 #Coronavirius #WuhanCoronovirus #CoronavirusOutbreak pic.twitter.com/7EfHoiwN1Z
— RNTK Updates (@chaddha_lal) February 16, 2020
एक वीडियो में तो पुलिस के अत्याचार की ऐसी बर्बता दिखाई दे रही है मानों ये चीनी नागरिक, इंसान नहीं जानवर हों. वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे पुलिस मास्क न पहने पर इस महिला को बुरी तरह से गाड़ी में खींचती है. महिला की गोद से बच्चा भी सड़क पर जा गिरता है.
वॉलंटियरों की इजाजत के बिना कुछ नहीं कर सकते
कुछ शहरों के हाउजिंग कॉम्पलेक्सों ने अपने यहां रह रहे लोगों को एक तरह का पास जारी किया है, जिससे उनके घर आने या घर से जाने को नियंत्रित किया जा सके. अगर कोई शख्स शहर से बाहर से आ रहा है तो उसे उसके ही अपार्टमेंट बिल्डिंग में नहीं घुसने दिया जा रहा. ट्रेनों में भी लोगों को तभी सवार होने दिया जा रहा है जब वे साबित कर रहे हैं कि वे संबंधित शहर में रहते या काम करते हैं. ग्रामीण इलाकों में गांवों को गाड़ियों, टेंट या दूसरी चीजों से बने बैरियर से इस तरह घेरा गया है कि वॉलंटियरों की इजाजत के बिना न कोई वहां जा पाए और न वहां से बाहर निकल पाए.
ट्रेनों में बुकिंग के लिए लोगों को अपने लोकेशन को भेजना अनिवार्य किया गया है. अगर वो रिस्क वाले एरिया में हैं तो उनका टिकट बुक नहीं किया जा रहा.
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रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कम से कम 76 करोड़ लोगों पर सरकार ने सख्त पहरा लगा रखा है. यह संख्या चीन की आधी आबादी से भी ज्यादा है. इनमें से तमाम लोग वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित वुहान शहर से बहुत ही ज्यादा दूर के हैं. लोगों पर ऐसे पहरे हैं जैसे वो जेल में रह रहे हों. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अगर किसी को कोई बीमारी हो गई तो उसे अस्पताल तक ले जाना भी मुश्किल हो रहा है. हालांकि, नागरिकों का एक बड़ा तबका खुद पर लगाई गईं पाबंदियों का समर्थन कर रहा है ताकि कोरोना के कहर को रोका जा सके.
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