मंगल ग्रह पर कर दिए इतने छेद, क्या धरती की तरह बर्बाद करके ही रुकेगा इंसान

लाल ग्रह की जमीन पर ढेर सारे छेद और गड्ढे नजर आ रहे हैं. स्पेस पर्यवेक्षकों ने जब से मंगल की सतह पर इन अजीब "ड्रिल्ड" छेद देखा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्या है. कुछ ने अनुमान लगाया है कि क्या एलियंस इसके पीछे हो सकते हैं या कह रहे हैं कि "प्रकृति ने ऐसा नहीं किया".

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 4, 2022, 11:04 AM IST
  • लोगों की इस उत्सुकता का उत्तर बेहद आसान है
  • लाल ग्रह के ये सारे छेद इंसानों की ही देन हैं
मंगल ग्रह पर कर दिए इतने छेद, क्या धरती की तरह बर्बाद करके ही रुकेगा इंसान

लंदन: अंतरिक्ष में दिलजस्पी रखने वाले कुछ लोग एक तस्वीर देखकर मोहित हो गए हैं, तो कुछ लोग बेहद दुखी हैं. यह तस्वीर है मंगल ग्रह पर हुए ढेर सारे ड्रिल्स की. इससे लाल ग्रह की जमीन पर ढेर सारे छेद और गड्ढे नजर आ रहे हैं. स्पेस पर्यवेक्षकों ने जब से मंगल की सतह पर इन अजीब "ड्रिल्ड" छेद देखा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्या है. कुछ ने अनुमान लगाया है कि क्या एलियंस इसके पीछे हो सकते हैं या कह रहे हैं कि "प्रकृति ने ऐसा नहीं किया". पर लोगों की इस उत्सुकता का उत्तर बेहद आसान है. 

षड्यंत्र सिद्धांतकारों को यह जानकर कुछ निराशा होगी कि यह वास्तव में हम इंसान हैं जिन्होंने छेद बनाया है.और यह केवल एक ही नहीं है - माना जाता है कि 30 से अधिक छेद हैं जिन्हें जानबूझकर लाल ग्रह पर ड्रिल किया गया है. नासा ने अपने क्यूरियोसिटी रोवर के साथ सभी को संभव बनाया, जो अगस्त 2012 में मंगल ग्रह पर उतरा. 

लोग दुखी हैं इस खुदाई से
विशेषज्ञों ने लंबे समय से चले आ रहे गीले वातावरण की तलाश में रॉक पाउडर के नमूनों को पकड़ने के लिए मिशन शुरू किया. लेकिन हर कोई छेद के बारे में खुश नहीं है. "अरबों साल अबाधित, यह लगभग दुखद है," एक अंतरिक्ष खोजी ने कहा. "कुछ मिलियन वर्षों में कुछ विदेशी सभ्यता वहां जाएंगी. तब तक कि पृथ्वी परमाणु युद्ध से वाष्पीकृत हो चुकी होगी, एक अन्य ने टिप्पणी की है. 

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2013 से चल रही खुदाई
पहिएदार उपकरण 2013 में पहली बार रोबोटिक आर्म का उपयोग करके ग्रह की चट्टानी सतह में खुदाई करने में कामयाब रहा. यह अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक मील का पत्थर था, पहली बार किसी रोबोट ने मंगल पर एक नमूना एकत्र करने के लिए एक चट्टान में ड्रिल किया है. अब इन ड्रिल्स की संख्या बढ़कर तीस हो गई है.  छेद बहुत छोटे हैं, केवल 1.6 सेमी चौड़े हैं और 6.4 सेमी गहरे जाने में सक्षम हैं. वैज्ञानिक अंततः यह पता लगाने के लिए मंगल ग्रह में और भी गहरी खुदाई करना चाहते हैं कि क्या ग्रह पर कभी जीवन मौजूद था. 

आगे भी ड्रिल करेगा नया रोवर
पुराने रोवर की जगह अब अग्रणी रोसलिंड फ्रैंकलिन के नाम पर एक नया रोवर काम करेगा, बायोमार्कर के लिए बड़े पैमाने पर दो मीटर भूमिगत ड्रिलिंग करेगा. यह रोवर जाने के लिए तैयार है लेकिन लॉन्च में रूस की भागीदारी और यूक्रेन पर आक्रमण करने के देश के फैसले के कारण अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है. 

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