नई दिल्ली. सांपों के साथ इंसान का रिश्ता सामान्य तौर पर डर और भय से जुड़ा होता है. आपके सामने दिखने वाला सांप जहरीला न हो फिर भी एक सिहरन दौड़ जाती है. उसपर भी अगर सांप उड़ने वाला हो तो खौफ से जुड़ा भाव और ज्यादा मजबूत होता है. फ्लाइंग स्नेक या फि ग्लाइडिंग स्नेक कहे जाने वाले क्रिसोपीलिया सांप इसी कैटगरी में आते हैं. हालांकि ये सांप ज्यादा जहरीले नहीं होते हैं लेकिन छोटे जीवों के लिए इनका जहर पर्याप्त होता है.
क्रिसोपीलिया सांप सामान्य तौर पर दक्षिण एशियाई देशों वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और फिलीपीन्स जैसे देशों में पाए जाते हैं. इसके अलावा भारत, चीन और श्रीलंका के दक्षिणी हिस्सों में भी यह सांप पाए जाते हैं.
इन सांपों की कई प्रजातियां
क्रिसोपीलिया सांप के शरीर पर कई रंग दिखाई देते हैं. इसमें काला, हरा, लाल और सफेद रंग शामिल है. इस सांप की कई प्रजातियां हैं जिनमें Chrysopelea ornata, Chrysopelea paradisi, Chrysopelea pelias, Chrysopelea rhodopleuron, Chrysopelea taprobanica शामिल हैं.
इंसानों के लिए जहरीले नहीं माने जाते क्रिसोपीलिया
सामान्य तौर पर इन सांपों को ज्यादा जहरीला नहीं माना जाता है. लेकिन कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां इनके जहर के कारण जीवों की मौत भी हुई है. यह सांप उस लिस्ट में नहीं शामिल है जिन्हें इंसानों के लिए जहरीला माना जाता हो.
दिन के वक्त ही करते हैं शिकार, छिपकली-मेंढक हैं मुख्य भोजन
क्रिसोपीलिया दिन के वक्त ही शिकार करते हैं. ये सांप छिपकली, मेंढक, चिड़िया, चमगादड़, चूहे जैसे जीवों को खाने के लिए जाने जाते हैं. इसी तरह के छोटे जानवरों में इसके जहर का प्रभाव भी माना जाता है. इनकी प्रजातियों में सबसे छोटा सांप 2 फुट का तो सबसे लंबा सांप चार फुट तक का मिला है.
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