टोक्यो: Henry L Stimson: नागासाकी पर परमाणु बम हमले के 77 साल हो गए हैं. पर क्या आपको मालूम है कि अमेरिका द्वारा अब तक ज्ञात सबसे शक्तिशाली हथियार को गिराए जाने से कुछ ही हफ्ते पहले, नागासाकी परमाणु बम के लिए लक्षित शहरों की सूची में भी नहीं था. इसकी जगह जापान की प्राचीन राजधानी क्योटो पर परमाणु हमला किया जाना था. लेकिन क्योटो की कुंडली में तबाही नहीं लिखी थी.
बनी थी टारगेट लिस्ट
दरअसल यह सूची अमेरिकी सैन्य जनरलों, सेना अधिकारियों और वैज्ञानिकों की एक समिति द्वारा बनाई गई थी. क्योटो, जो 2,000 से अधिक बौद्ध मंदिरों और 17 विश्व धरोहर स्थलों सहित शिंटो मंदिरों का घर है, इसके शीर्ष पर था. "यह लक्ष्य 1,000,000 की आबादी वाला एक शहरी औद्योगिक क्षेत्र है," मीटिंग नोट के मिनट्स में यह लिखा था.
क्या कहते हैं इतिहासकार
स्टीवंस इंस्टीट्यूट में विज्ञान के इतिहासकार एलेक्स वेलरस्टीन कहते हैं, "क्योटो को सेना द्वारा एक आदर्श लक्ष्य के रूप में देखा गया था क्योंकि उस पर बिल्कुल भी बमबारी नहीं की गई थी, इसलिए कई उद्योगों को स्थानांतरित कर दिया गया था और कुछ प्रमुख कारखाने थे. लक्ष्य समिति के वैज्ञानिकों ने भी क्योटो को प्राथमिकता दी क्योंकि यह कई विश्वविद्यालयों का घर था और उन्हें लगा कि वहां के लोग समझ पाएंगे कि परमाणु बम सिर्फ एक और हथियार नहीं था - यह मानव इतिहास में लगभग एक महत्वपूर्ण मोड़ था.
युद्ध सचिव हेनरी स्टिमसन की एंट्री
जून 1945 की शुरुआत में, युद्ध सचिव हेनरी स्टिमसन ( Henry L. Stimson ) ने क्योटो को लक्ष्य सूची से हटाने का आदेश दिया. उन्होंने तर्क दिया कि यह सांस्कृतिक महत्व का था और यह एक सैन्य लक्ष्य नहीं था. प्रो वेलरस्टीन कहते हैं, "सेना नहीं चाहती थी कि इसे हटाया जाए, इसलिए जुलाई के अंत तक उसने क्योटो को सूची में वापस रखा लेकिन स्टिमसन सीधे राष्ट्रपति ट्रूमैन के पास गए."
रोक दिया क्योटो पर हमला
प्रो वेलरस्टीन कहते हैं, "इसीलिए ऐसा लगता है कि स्टिमसन कुछ और व्यक्तिगत चीजों से प्रेरित थे, और ये अन्य बहाने सिर्फ तर्कसंगत थे." यह ज्ञात है कि मिस्टर स्टिमसन 1920 के दशक में कई बार क्योटो गए थे जब वे फिलीपींस के गवर्नर थे. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यह उनका हनीमून डेस्टिनेशन था और वह जापानी संस्कृति के प्रशंसक थे. इसलिए वह नहीं चाहते थे कि क्योटो पर बम गिरे और वह तबाह हो.
कुछ अन्य कारण
करते हैं कि टोक्यो स्थित सम्राट हिरोहितो के महल पर हमला करने पर चर्चा हुई, लेकिन अमेरिका ने निष्कर्ष निकाला कि जापान में एक जीवित देवता माने जाने वाले व्यक्ति की मृत्यु पर जापानी प्रतिक्रिया अप्रत्याशित थी और इसकी अनुशंसा नहीं की गई थी. मार्च में आग की बमबारी से टोक्यो पहले ही लगभग नष्ट हो चुका था, इसलिए इसे बहुत कम रणनीतिक मूल्य माना जाता था.
हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरा बम
फिर जो हुआ वह दुनिया का सबसे काला इतिहास है. हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया गया 6 अगस्त 1945. फिर नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिरा, 9 अगस्त 1945. इतिहासकारों के मुताबिक शहर को 24 जुलाई को ही क्योटो को बदलने के लिए लक्ष्य सूची में जोड़ा गया था. अंतिम लक्ष्य बम गिराए जाने से एक घंटे से भी कम समय पहले तय किया गया था. हिरोशिमा में अच्छे मौसम की स्थिति शहर की बर्बादी का कारण बन गई.
यह भी पढ़ें: आज आग का गोला बना था पूरा शहर, 80 हजार लोग मारे गए और 40 हजार घायल हुए
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.