नई दिल्ली. सारी दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रही है. इसमें कार्ड पर आधारित अर्थव्यवस्था के देशों को अधिक चोट पहुंची है जबकि भारत जैसी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले देशों को इसका इतना नुकसान नहीं हुआ है. हांगकांग एक अत्याधुनिक देश है फिर भी मंदी की मार झेल रहा है लेकिन अपने देश के नागरिकों की उसे पूरी फ़िक्र है.
मंदी से बचाने की है कोशिश
हांगकांग सरकार ने अपने देश के नागरिकों को मंदी से बचाने के लिए ये बड़ा कदम उठाया है. वह अपने देश के सभी नागरिकों को 10-10 हजार डॉलर देने जा रही है. सरकार ने घोषणा की है कि वह अपने यहां के हर स्थाई नागरिक को दस हज़ार हांग कांग डॉलर दिए जा रहे हैं जो कि अमरीकन डॉलर की दर पर 1280 अमेरिकी डॉलर होते हैं.
70 लाख स्थानीय निवासी हैं हांगकांग में
हांगकांग की जनसंख्या दिल्ली की जनसंख्या की आधी है. सत्तर लाख जनसंख्या वाले इस देश की सरकार ने अपने सभी 70 लाख स्थानीय निवासियों को नकद सहायता देने का ऐलान किया है. इस देश की अर्थव्यवस्था मंदी से जूझ रही है और अब हाल ही में चीन से आया कोरोना संक्रमण भी इस देश के संकट को और बढ़ा रहा है. ऐसे में सरकार ने हर स्थायी नागरिक को दस हज़ार डॉलर देने का मन बनाया है.
अब तक का सबसे खराब आर्थिक संकट
हांगकांग के वित्त मंत्री पॉल चान के अनुसार यह देश के लिए अब तक का सबसे खराब आर्थिक संकट है जिससे पार पाने के लिए सरकार ने जनता की मदद की ये नई पेशकश की है. सरकार ने अपने वार्षिक बजट में लोगों को नकद सहायता दे कर इस आर्थिक संकट से उबारने का ऐलान किया है और इस काम के लिए उसने करीब 120 अरब हांगकांग डॉलर का प्रावधान किया गया है.
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