नई दिल्ली: थाईलैंड के संवैधानिक न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि जब तक वह इसका निर्णय नहीं कर लेता कि थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा पद पर बने रहने की कानूनी सीमा पार कर चुके हैं या नहीं, तब तक के लिए उन्हें कार्यभार से दूर रहना होगा.
अदालत ने प्रयुथ चान-ओचा को पीएम पद से हटाया
अदालत ने इस दलील पर सहमति जताई कि प्रयुथ के कार्यकाल की सीमा पार होने को लेकर दायर याचिका पर विचार करने के पर्याप्त कारण हैं. अदालत के सदस्यों ने चार के मुकाबले पांच वोटों से प्रयुथ को कार्यभार से मुक्त करने पर सहमति जताई.
कौन संभालेगा थाईलैंड के पीएम पद की कुर्सी
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता अनुचा बी. ने कहा कि उप प्रधानमंत्री प्रवित वोंगसुवन प्रधानमंत्री के कामकाज का दायित्व संभालेंगे. दरअसल, थाईलैंड के संविधान के अनुसार कोई भी पीएम अधिक से अधिक 8 वर्षों तक ही प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बना रह सकता है.
ये फैसला थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था. इसी के बाद बैंकॉक के गवर्नमेंट हाउस में फोटो सेशन के दौरान वो अपना चेहरा पोंछते नजर आए थे. बता दें, प्रयुथ चान-ओचा थाईलैंड से पूर्व सेनाध्यक्ष हैं.
साल 2014 में किया था तख्तापलट
वोंगसुवन, प्रयुथ के नजदीकी राजनीतिक सहयोगी हैं और उसी सैन्य समूह का हिस्सा हैं जिसने 2014 में तख्तापलट किया था. प्रयुथ के विरोधियों का तर्क है कि उन्होंने एक ऐसे कानून का उल्लंघन किया है जो प्रधानमंत्री को आठ साल तक पद पर रहने की अनुमति देता है.
प्रयुथ ने 24 अगस्त 2014 को आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री का पद संभाला था. प्रयुथ के समर्थकों का तर्क है कि उनके कार्यकाल को मौजूदा संविधान के लागू होने के बाद से प्रभावी माना जाना चाहिए. देश का संविधान 2017 में लागू हुआ था.
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