चीन की शर्त नहीं मानी तो ताइवान को कर दिया WHO से बाहर

यह घटना जिस तरफ इशारा करती है उधर देखने पर पता चलता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का आरोप सही था कि WHO चीन का पिट्ठू है. इसीलिए तो  ताइवान को डब्ल्यूएचओ से हटा दिया गया..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 18, 2020, 12:44 AM IST
    • चीन ने करवाया ताइवान को WHO से बाहर
    • चीन ताइवान को हड़पना चाहता है
    • कोरोना काल में करवा दिया ताइवान को बाहर
    • दुनिया के देश ताइवान के साथ मिल कर सबक सिखायेंगे चीन को
चीन की शर्त नहीं मानी तो ताइवान को कर दिया WHO से बाहर

नई दिल्ली.  प्रत्यक्षं किम प्रमाणं. हाथ कंगन को आरसी क्या. WHO चीन का मोहरा बन गया है और इसी वजह से ताइवान को WHO से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. और इसी कारण अमेरिका ने अपने आपको को WHO से अलग कर लिया है. 

 

चीन को ताइवान से समस्या हुई 

दुनिया जानती है कि चीन अपने छोटे पड़ौसी ताइवान पर बुरी नज़र रखता है. उसका बस चले तो आज ही ताइवान पर कब्ज़ा कर ले, लेकिन राष्ट्रभक्तों का देश ताइवान इतनी आसानी से हजम नहीं होने वाला चीन के लिए. उसके बाद राष्ट्रवादी नेता त्साई इंग वेन दुबारा से ताइवान राष्ट्रपति चुन ली गई इससे चीन की जम कर जान जाली. उसके बाद त्साई के नेतृत्व में ही कोरोना से जंग जीती ताइवान ने. तो चीन की जान और जल गई. बस फिर क्या था, चीन ने अपने अनुचर WHO से ताइवान की रवानगी करवा दी. 

कोरोना काल में किया ताइवान को बाहर 

जिस दौर में  कोरोना महामारी दुनिया को आतंकित कर रही है और इस साजिश को ले कर चीन का नकाब उतर गया उस दौरान ही चीन ने ये घटिया काम किया. इसकी वजह दुनिया का ध्यान भटकाना भी हो सकता है और ताइवान से दुश्मनी निकालना भी. लेकिन इस घटना ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने का एक कारण और दुनिया को दे दिया. WHO से बाहर करके इस कोरोना के दौर में चीन ने ताइवान के दो करोड़ लोगों को निराश कर दिया है. 

 

चीन को सबक सिखाएंगे ताइवान के साथ 

जहां एक तरफ कोरोना के खलनायक चीन के विरुद्ध रणनीति और राजनीति के स्तर पर दुनिया के क्रोध की ज्वाला भड़क रही है है वहीं कोरोना महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन से जब चीन ने ताइवान को बाहर निकाल बाहर किया तो चीन विरोधी देशों ने ताइवान के साथ खड़े हो कर चीन को सबक सिखाने की ठानी है. बरसों से चीन ताइवान को हड़पने की कोशिश में है और दुनिया भर में उसे चीन का ही एक हिस्सा बताता है. लेकिन दुनिया में ताइवान को एक अलग संप्रभु देश के रूप में पहचाना जाता है.

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