नई दिल्ली. संघे शक्तिः कलियुगौ. चीन को सबक सिखाना जरूरी हो गया है. इसलिए बड़ा कदम उठाते हुए भारत अगले महीने जापान में क्वाड अर्थात क्वाड्रीलेटरल सीक्योरिटी डायलाग से जुड़े देशों के साथ बैठक करने जा रहा है. चारों देशों के विदेश मंत्री अक्टूबर में टोक्यो में बैठ कर विचार करने वाले हैं कि किस तरह चीन का दिमाग ठिकाने लगाया जाए.
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीनी धृष्टता
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीनी धृष्टता को इस बैठक का केंद्रीय विचार बिंदु बनाया जाने वाला है. टोक्यो में होने वाली क्वाड बैठक भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के साथ इस गंभीर विषय पर विचार करने वाला है. उपरोक्त चारों देशों के रणनीतिक गठबंधन को क्वाड नाम दिया गया है जिसके उद्देश्यों में भारत-प्रशांत क्षेत्र के समुद्री मार्गों को निर्विघ्न रखना भी शामिल है. क्वाड के अंतर्गत ही जापान में इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है.
होने वाला है प्रथम राजनयिक दौरा
जापान में पिछले सात माह में किसी विदेशी राजनयिक का यह पहला जापानी दौरा होगा. मार्च 2020 से कोरोना संक्रमण की पाबंदियों से जापान की तरह दुनिया के अधिकतर देशों ने आपसी आवाजाही बंद कर दी थी. अक्टूबर में होने वाली क्वाड मीटिंग के दौरान चारों क्वाड देशों के विदेश मंत्री नवनियुक्त प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से भी औपचारिक भेंट करेंगे.
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है
अमेरिका का कहना है कि हिंद-प्रशांत की अवधारणा ने भारत को बड़े समाधान की जिम्मेदारी का हिस्सा बनाया है. अमेरिका ने आगे बढ़ कर इस दिशा में विचार किया है और समान सोच वाले क्वाड देशों जैसे साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ट्रंप प्रशासन नई व्यवस्था विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है. नवंबर 2017 में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर चीन के बढ़ते विस्तारवादी कदम रोकने के लिए क्वाड गठबंधन को आकार दिया जो कि लंबे समय से लंबित था.
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