नई दिल्ली. चीन की सरकार चलाने वाली कम्युनिस्ट पार्टी में ही चीन के सर्वोच्च नेता को लेकर विवाद छिड़ गया है. यह जानकारी पार्टी की ही एक महिला नेता द्वारा दी गई है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना से निष्कासित की गई इस महिला नेता का दावा है कि राष्ट्रपति जिनपिंग लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ही भारत के साथ विवाद कर रहे हैं क्योंकि जिनपिंग का अपनी ही पार्टी में विरोध हो रहा है.
प्रोफेसर काई जिआ पर हुई कार्रवाई
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना से निकाली गई इस महिला नेता का नाम है प्रोफेसर काई जिआ. निष्कासन के बाद 67 वर्षीय काई जिआ का कहना है कि अब मुझे किसी बात का डर नहीं है इसलिए मैं अब खुलकर बोल सकती हूं. सेंट्रल पार्टी स्कूल की प्रोफेसर काई जिआ पर जिनपिंग विरोधी बयानबाजी के कारण ही यह बड़ी कार्रवाई की गई है.
आजीवन पार्टी सदस्य थी प्रोफसर काई
प्रोफेसर काई राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक मुखर आलोचक थी और इसका खामियाजा उन्हें पार्टी से बाहर हो कर चुकाना पड़ा. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की इस निष्कासित नेता ने जिनपिंग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राष्ट्रपति जिनपिंग चीन के नागरिकों का ध्यान देश की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से हटाने की कोशिश कर रहे हैं और इसी कारण वे भारत के विरुद्ध विवाद को लगातार भड़काने में लगे हुए हैं.
काई जिया है दूसरी निष्कासित नेता
ऐसा नहीं है कि चीन के सर्वोच्च नेता का विरोध करने के लिए पहली बार सत्तारूढ़ पार्टी के किसी नेता को पार्टी से बाहर किया गया हो. इसके पहले भी एक बड़े नेता रेन झिकियांग को पार्टी का निष्कासन झेलना पड़ा था और उन पर भी जिनपिंग का विरोध करने के कारण ही ये कार्रवाई हुई थी. रेन झिकियांग चीन में सरकार के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं.