नासा अंतरिक्ष में भेजेगा 'सांप', जानें शनि ग्रह के चांद पर रेंग-रेंगकर ये क्या खोजेंगे

ये रोबोटिक स्नेक एक्सोबायोलॉजी एक्सटेंट लाइफ सर्वेयर होंगे जो सांप की तरह रेंग सकते हैं. एन्सेलेडस की सतह के नीचे तरल नमकीन पानी का एक वैश्विक महासागर है. नासा जानना चाहता है कि इस महासागर में जीवन है या नहीं. यह रोबोट 16-फुट और 220 पाउंड का होगा. अगले साल के अंत तक इस रोबोटिक स्नेक को लांच गिया जा सकता है.

Written by - Vineet Sharan | Last Updated : May 15, 2023, 12:19 PM IST
  • शनि ग्रह पर 83 चंद्रमा हैं
  • इनमें से एक है एन्सेलेडस
नासा अंतरिक्ष में भेजेगा 'सांप', जानें शनि ग्रह के चांद पर रेंग-रेंगकर ये क्या खोजेंगे

लंदन: नासा अंतरिक्ष में अनोखे सांप भेजने जा रहा है. दरअसल ये रोबोटिक स्नेक होंगे. इन रोबोटिस स्नेक को शनि ग्रह के चंद्रमा एन्सेलेडस (Enceladus) पर भेजा जाएगा. नासा के मुताबिक ये रोबोटिक स्नेक एक तरह के एक्सोबायोलॉजी एक्सटेंट लाइफ सर्वेयर (EELS) होंगे जो सांप की तरह रेंग सकते हैं. 

ईईएलएस (एक्सोबायोलॉजी एक्सटेंट लाइफ सर्वेयर) को नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की ओर से विकसित किया जा रहा है. बता दें कि शनि ग्रह पर 83 चंद्रमा हैं. इनमें से एक है एन्सेलेडस. 

क्या करेगा रोबोटिक स्नेक
यह रोबोटिक स्नेक पहले दुर्गम स्थलों का नक्शा बनाएगा. इसके बाद यह खोज में जुजेगा. नासा का कहना है कि एन्सेलेडस अपनी सतह के नीचे तरल नमकीन पानी के एक वैश्विक महासागर को छुपाता है. नासा यही जानना चाहता है कि इस महासागर में जीवन है या नहीं. 

क्यों सांप जैसा आकार
यह रोबोटिक स्नेक "घूर्णन प्रणोदन इकाइयों" वाले खंडों से बना है, जो इसे सतहों को पकड़ने और पानी के नीचे जाने की अनुमति देता है. मोटे तौर पर 16-फुट और 220 पाउंड के रोबोट का विभिन्न वातावरणों में व्यापक परीक्षण किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह काम के लिए तैयार है. 

सांप के "सिर" में ऐसी तकनीक होगी जो ईईएलएस को 3डी में डाटा लेने और ऑपरेटरों को रीयल-टाइम वीडियो भेजने की अनुमति देती है. इस बीच, इसका शरीर एक विज्ञान पेलोड को ले जाने और तैनात करने में सक्षम होगा. लॉन्च की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों से अगले साल के अंत तक प्रस्तावित तारीखों को अंतिम रूप देने की उम्मीद है.

12 साल लगेंगे शनि के चांद तक जाने में
ईईएलएस के उप परियोजना प्रबंधक राहेल इथरेज ने पिछले साल कहा था: "हम परियोजना में शुरुआती हैं, लेकिन यह हमारे जीवनकाल में प्राप्त करने योग्य है. यह एक महत्वाकांक्षी प्रयोग है. शोधकर्ताओं के अनुसार, एक बार तैनात होने के बाद अंतरिक्ष यान को ईईएलएस को शनि के चंद्रमा तक ले जाने में लगभग 12 साल लगेंगे, लेकिन सांप को महासागरों तक पहुंचने और अपना मिशन शुरू करने में केवल कुछ ही दिन लगेंगे. 

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