नई दिल्ली. नेपाल के विदेश मंत्री का कहना है कि नेपाल ने अपनी जमीन को वापस देश के नक्शे में जोड़ कर के इतिहास बनाने जा रहा है. देश के सभी राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन करके नेपाल की सियासत की दुनिया की एकता का परिचय दिया है. अब आम लोगों को भी सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि सरकार का साथ देना चाहिए और नक्शा पास होने की खुशी में जश्न मनाना चाहिए.
जनता ने किया नक्शे का विरोध
जहां नेपाल की जनता ने भारत की मित्रता के प्रति सम्मान का प्रदर्शन किया और सड़कों पर उतर देश के नेताओं को नक्शा वापस लेने की मांग की तो सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. आज शनिवार 13 जून 2020 को एक तरफ नेपाली संसद में नक़्शे के खिलाफ वोटिंग होने वाली है वहीं दूसरी तरफ राजधानी काठमांडू में संसद के बाहर लोग नए नक़्शे की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बुलाया गया है संसद का विशेष सत्र
आज शनिवार को काठमांडू में नेपाली संसद का विशेष सत्र चल रहा है जिसके अंतर्गत नेपाल की सरकार देश के राजनीतिक नक्शे में संशोधन करने संबंधी अहम संशोधन विधेयक पर नेपाल के सभी दलों से चर्चा कर रही है. नए नक्शे में भारतीय सीमा से सटे हुए लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों पर नेपाल ने अपना दावा किया है.
संसद में नए नक्शे चर्चा शुरू
राजधानी काठमांडू में देश के नए नक्शे पर प्रतिनिधि सभा द्वारा संशोधन विधेयक को लेकर चर्चा प्रारम्भ की जा चुकी है. संसद में प्रवक्ता रोजनाथ पांडेय ने बताया कि विधेयक पर चर्चा पूरी होने के बाद इस पर मतदान होना है और संभावना पूरी है कि विधेय को संसद की मंजूरी मिल जायेगी.
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