अमरीका में चीन चुनावी मुद्दा - हुआ ट्रम्प का पलड़ा भारी

अमेरिका में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच चुनावी तलवारें खिंच गई हैं और मुद्दा बना है चीन. आ रहा है अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव का मौसम, अब ट्रम्प चीन विरोधी वोट पाएंगे और उनके विरोधी चीन समर्थन के वोट जुटाने की मुश्किल कोशिश में लगे देखे जाएंगे..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Jun 12, 2020, 06:47 PM IST
    • अमरीका के राष्ट्रपति चुनावों में चीन बना चुनावी मुद्दा
    • अब ट्रम्प का पलड़ा लगता है भारी
    • बढ़ रहे हैं ट्रम्प के समर्थक
    • रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स के बीच बना है सबसे बड़ा मुद्दा
अमरीका में चीन चुनावी मुद्दा - हुआ ट्रम्प का पलड़ा भारी

नई दिल्ली.  नई खबर है ये जो अमेरिका से चल कर आई है और इस वर्ष वहां होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की शुरूआती बारिश में नहा कर आई है. चीन बन गया है अमेरिका में चुनावी मुद्दा और जो दिख रहा है वो साफ़ है कि जो नुकसान में रहेगा वह है जो याने जो बिडेन और चीन विरोधी ट्रम्प रहने वाले हैं फायदे में. अब अमेरिका में चीन समर्थक राष्ट्र-विरोधी कहलायेंगे और लगातार आमजनों के निशाने पर रहेंगे. 

 

अब ट्रम्प का पलड़ा भारी

चीनी वायरस ने सबसे ज्यादा दुनिया में कहीं कोहराम मचाया है तो वो है अमेरिका. कोरोना की वजह से हुई अमेरिका की जन और धन हानि का आकलन किया जाए तो ऐसा भयंकर नुकसान अमेरिकी इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया. इसलिए चीन का समर्थन करने वाले नुकसान में ही रहेंगे और फिलहाल ट्रम्प का पलड़ा भारी लग रहा है. 

बढ़ रहे हैं ट्रम्प के समर्थक 

चीन का विरोध करके नेशन फर्स्ट का नारा लगाने वाले ट्रम्प वास्तव में नेशन को ही फर्स्ट रख रहे हैं और नेशन के दुश्मन का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं. कोरोना कॉन्सपिरेसी करने वाला चीन दुनिया का खलनायक है और सारी दुनिया चीन-विरोधी हो गई है. ऐसे में ये भी कहा जा सकता है कि शायद ईश्वर ने ही कोरोना भेज कर ट्रम्प को एक और अवसर दे दिया है. चीन का विरोध करने वाले प्रेजिडेंट ट्रम्प के समर्थक लगातार बढ़ते जा रहे हैं.  

 

दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच का सबसे बड़ा मुद्दा 

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही अपना पूरा जोर लगाना शुरू कर चुके हैं. कोरोना से निपटने में नाकाम ट्रम्प अब तक विरोधी दलों और देश के आमजनों के निशाने पर थे और अब यही ट्रम्प चीन का जबर्दस्त विरोध करने के कारण आमजनता की सहानुभूति अर्जित कर रहे हैं. इसे देख कर लगता है कि उनके प्रबलतम प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को उन्हें हराने के लिए अब एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा. 

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