वाशिंगटन: एक भारतीय स्टार्टअप समुद्री खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. स्टार्टअप ने एक विशाल सी कंबाइन मशीन बनाई है. इससे समुद्री खेती से उपजी फसलों की कटाई आसान होगी. अभी तक समुद्री सिवार ( seaweed ) का इस्तेमाल सुशी और फ्लेवर सोप में होता है लेकिन खाद्य पदार्थ के रूप में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है. कॉस्मेटिक, कपड़े, बॉयो फ्यूल और बॉयोडिग्रेडल प्रोडक्ट में भी शैवाल के प्रयोग संभव हैं.
'समुद्री खेती अभी पाषाण काल जैसी है'
अभी शैवाल (समुद्री सिवार) आमतौर पर समुद्री सिवार समुद्र में लटकी हुई रस्सियों या जालों पर उगाए जाते हैं. लेकिन वर्तमान की तकनीक से बड़े स्तर पर समुद्र में इसकी पैदावार संभव हो गई है. भारत के शहर बंगलुरु स्थित स्टॉर्टअप सी6एनर्जी (Sea6 Energy) के को-फाउंडर और सीईओ श्रीकुमार सूर्यनारायण कहते हैं कि समुद्री खेती अभी पाषाण काल जैसी है. ये ऐसा ही है जैसे हंसुआ और कन्नी के इस्तेमाल से खेती करना.
ट्रैक्टर की तरह कामयाब होगी यह तकनीक
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में स्थापित हुई Sea6 Energy समुद्री खेती का मशीनीकरण करना चाहती है, जैसे ट्रैक्टर ने खेती को पूरी तरह बदल कर रख दिया था. दावा है कि ये सी कंबाइन मशीन समुद्री खेती को बदलकर रख देगी. इसका ऑटोमैटिक कटामारन (catamaran) समुद्र में समुद्री शैवाल की कटाई और प्रतिरोपण करता है.
यह भी पढ़िए- पुलिसवाले के हत्यारे को किस करते पकड़ी गईं महिला जज, उम्रकैद से बचाने की कोशिश भी की
कैसे काम करती है मशीन
मशीन समुद्री सिवार की रेखाओं के बीच आगे-पीछे चलती है और पूरी तरह से विकसित पौधों की कटाई कर उन्हें छोटे-छोटे बीज में काट देती है. इस मशीन का एक प्रोटोटाइप कंपनी के इंडोनेशिया स्थित फॉर्म में काम कर रहा है. दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र इंडोनेशिया में समुद्री सिवार की खेती की एक परंपरा है. यहां ग्रामीण समुद्री सिवार के टुकड़ों को रस्सियों से बांधते हैं और उन्हें समुद्र में ले जाते हैं. फिर फसल होने पर मैन्युअल रूप से उसकी कटाई करते हैं. Sea6 Energy कंपनी का कहना है कि तकनीक विकसित होने और बाजार बढ़ने पर कंपनी भारत समेत कई देशों में ऐसी मशीनें स्थापित करेगी.
कितना बढ़ा है समुद्री शैवाल का कारोबार
वैश्विक समुद्री सिवार उद्योग 2005 और 2015 के बीच आकार में दोगुना हो गया, और 2018 में 33 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन किया. श्रम-केंद्रित और महंगे उत्पाद से बाजार का विकास बाधित होता रहा है. ज्यादा कीमत की वजह से इन सिवार का कम जगहों पर इस्तेमाल होता है. पर कंपनी का दावा है कि सी कंबाइन मशीनों से दाम में कटौती होगी और समुद्री सिवार सस्ते हो जाएंगे और उनका ज्यादा से ज्यादा जगहों पर इस्तेमाल हो पाएगा. समुद्री खेती दुनिया की बढ़ती जनसंख्या को खाद्य और अन्य सामानों की आपूर्ति में सहायक होगा.
यह भी पढ़िए- रेसिंग कार नहीं, उड़ने वाले कारकॉप्टर दौड़ेंगे भविष्य के फार्मूला वन रेस में
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.