दिल्ली: भारत के लिए ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान और तालिबान के बीच शांति समझौते का स्वागत किया है. इससे पाकिस्तान की बेइमान सोच पूरी दुनिया के सामने आ गयी. आपको बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के हाल में हुए सत्र से पहले पाकिस्तान ने अजहर को ‘लापता’ घोषित कर रखा था. पाकिस्तान ने विश्व भर के सामने खुद को आतंक पीड़ित होने का दिखावा करने के लिये ऐसा किया.
खुलेआम जारी कर रहा बयान
वैश्विक आतंकी और जैश का सरगना मसूद अजहर जिसका उपनाम ‘खादिम’ के नाम से जारी बयान को जैश से जुड़े टेलीग्राम चैनल ने पढ़ कर सुनाया. बयान में कहा गया है 'शहीदों को बधाई, मुजाहिदीन, गाजियों, हजरत शेख हक्कानी को बधाई, अल्लाह के बेटे हक्कानी को बधाई.' बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक और सैनिक संगठन और अमेरिका के बीच शांति समझौते पर शनिवार को दोहा में दस्तखत हुए.
अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित घोषित हो चुका है मसूद
मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है. यूएन ने मसूद अजहर का नाम ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है. भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था. मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर चीन ने कई बार अड़ंगा लगाया था. अंतरराष्ट्रीय आतंकी (ग्लोबल आतंकी) घोषित होने के बाद मसूद अजहर पर शिकंजा कसता जा रहा है लेकिन पाकिस्तान हर बार उसका साथ देता है और हमेशा बचाने की कोशिश करता है.
जानिये ग्लोबल आतंकी घोषित होने का मतलब
किसी भी शख्स को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की एक प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया यूएन के सुरक्षा परिषद में पूरी की जाती है. जहां यूएनएससी के स्थाई सदस्य यानी की अमेरिका,फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और रूस और 10 अस्थाई सदस्य वोटिंग करते हैं. किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है. ग्लोबल आतंकी घोषित होने का बाद वो आतंकी किसी भी देश की खुलेआम न तो यात्रा कर सकता है और न ही कोई जनसभा कर सकता है.
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