पुतिन की जिद ने डुबोई रूस की नैया, यूक्रेन से युद्ध लड़ने के चक्कर में गंवा बैठे 'जान-माल'!

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के करीब तीन साल पूरे होने वाले हैं. इस युद्ध में रूस को साल 2024 में सबसे अधिक नुकसान हुआ. रूस को जितना नुकसान 2022 और 2023 में हुआ, उससे अधिक नुकसान बीते साल हुआ.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 4, 2025, 06:23 PM IST
  • रूस की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान
  • बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत हुई
पुतिन की जिद ने डुबोई रूस की नैया, यूक्रेन से युद्ध लड़ने के चक्कर में गंवा बैठे 'जान-माल'!

नई दिल्ली: Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच साल 2022 में युद्ध शुरू हुआ था. युद्ध को तीन साल पूरे होने वाले हैं. साल बदले, लेकिन दोनों देशों के हाल बेहाल होते गए. अब 2025 शुरू हो गया है, लेकिन दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की जिद के कारण युद्ध नहीं रुक रहा है. भले रूस इस युद्ध में यूक्रेन पर भारी पड़ रहा हो, लेकिन इसके बदले में खूब सारी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. चलिए, जानते हैं कि इस युद्ध के कारण रूस क्या-कुछ खो चुका?

2024 में मारे गए इतने सैनिक
यूक्रेनी कमांडर-इन-चीफ ओलेक्सेंडर सिरस्की का दावा है कि 2024 में रूसी सेना के करीब 427,000 सैनिक घायल हुए या मारे गए. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि बीते साल रूस को 430,790 सैनिकों का नुकसान हुआ. आंकड़ें कहते हैं कि ये 36 रूसी मोटराइज्ड राइफल डिवीजनों के बराबर है. यूक्रेन का दावा है कि रूस को जितना नुकसान 2022 और 2023 यानी दो सालों में नहीं हुआ, उतना तो अकेले 2024 में हो गया. रूस को बीते साल हर दिन 1180 सैनिकों का नुकसान हुआ.

रणनीतिक तौर पर नहीं मिली कोई बड़ी जीत 
अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर  (ISW) ने अनुमान जताया है कि साल 2024 रूस के लिए बेहद खराब रहा है. भले रूस ने यूक्रेन के कई इलाकों में कब्जा कर लिया हो, लेकिन स रफ्तार से रूसी सेना युद्ध लड़ रही है, वह डोनेट्स्क पर कब्जा जमाने में दो साल और लगा देगी. वैसे भी रूस ने 2024 तक चार मध्यम आकार की बस्तियों पर कब्जा किया है, जिनमें अवदिवका, सेलीडोव, वुहलदार और कुराखोव शामिल हैं. ये रणनीतिक तौर पर रूस की कोई बड़ी जीत नहीं है.

अर्थव्यवस्था को चोट, कामगार लोग नहीं
पुतिन की सेना के सैनिक तो मारे गए, लेकिन अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है. पुतिन ने सरकारी खजाने का अधिकतर पैसा युद्ध में झोंक दिया, देश के आमजन के पर खास पैसा खर्च नहीं हुआ.यूक्रेन की विदेशी खुफिया सेवा का अनुमान है कि 2024 में रूस में करीब 15 लाख मजदूरों की कमी थी, लेकिन पुतिन ने इसको अनदेखा कर सेना में भर्ती बढ़ाई.

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