नई दिल्ली. चीन के लिए इस खबर में जितनी उम्मीद है, अमेरिका के लिए उतनी ही चिंता है. अब चीन दुनिया में अकेला नहीं नज़र आता, उसके साथ रूस, पाकिस्तान और ईरान भी हैं. चीन, पाकिस्तान और ईरान के साथ युद्धाभ्यास में लगा हुआ रूस इसी बात का मुजाहिरा करना चाह रहा है.
ये है काकेशस-2020 युद्धाभ्यास
रूस के नेतृत्व में चार देशों का युद्धाभ्यास मॉस्को में 21 सितंबर सोमवार से शुरू हो गया है. इसे काकेशस-2020 रणनीतिक युद्धाभ्यास के तौर पर जाना जा रहा है जिसमें रूसी सेना के साथ चीन, पाकिस्तान और ईरान की सेनाएं शामिल हैं. भारत को भी रूस ने इस युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था पर भारत इसमें शामिल नहीं हुआ.
भारत ने बताये अपने कारण
काकेशस-2020 रणनीतिक युद्धाभ्यास में रूस ने भारत को भी निमंत्रित किया था लेकिन भारत ने अपने कारण बता कर इसमें भाग लेने में असमर्थता प्रकट की थी. मूल रूप से चीन और पाकिस्तान का इस युद्धाभ्यास में शामिल होना भारत के लिये कदापि स्वीकारणीय नहीं है और ये बात रूस को अच्छी तरह पता है. परंतु औपचारिकताओं को ध्यान में रख कर भारत ने कोरोना वायरस महामारी और चीन-पाकिस्तान से दो फ्रंट पर बढ़ते खतरों को वजह बता कर किनाराकशी कर ली.
जल, थल और नभ में भी युद्धाभ्यास
जहां दुनिया चीनी वायरस से फैली महामारी से जूझ रही है, रूस को चीन और ईरान के साथ युद्धाभ्यास जरूरी दिखाई दे रहा है. रूस के दक्षिणी सैन्य जिले के ट्रेनिंग ग्राउंड्स में यह युद्धाभ्यास आयोजित किया जाने वाला है. चार देशों का यह पांच दिवसीय युद्धाभ्यास 26 सितंबर को खत्म होगा. रूस के साथ चीन और ईरान की सेनाओं के आने के कारण अमेरिका भी पूरी तरह सावधान है.
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