नई दिल्ली: अमेरिका ने बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिन्दू मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों की घटनाओं की निंदा की और अधिकारियों से इन मामलों की गहन जांच करने की अपील भी की है. अमेरिका ने कहा कि धर्म या आस्था चुनने की स्वतंत्रता, मानवाधिकार है. दुर्गा पूजा के अवसर पर सोशल मीडिया में कथित तौर पर ईश निंदा संबंधी एक पोस्ट सामने आया था, जिसके बाद हिन्दू मंदिरों पर पिछले बुधवार से हमले बढ़ गए हैं.
बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के लोगों के मकान क्षतिग्रस्त कर दिए थे
भीड़ ने रविवार देर रात बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के लोगों के 66 मकान क्षतिग्रस्त कर दिए थे और कम से कम 20 घरों में आग लगा दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को कहा, "हम दुर्जा पूजा के अवसर पर हिन्दू मंदिरों और प्रतिष्ठनों पर हाल में हुए हिंसक हमलों की निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ हैं और हम अधिकारियों से मामलों की पूरी जांच का अनुरोध करते हैं. धर्म या आस्था चुनने की स्वतंत्रता, मानवाधिकार है."
हिन्दू समुदाय के 6 लोग मारे गए
बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, अलग-अलग हमलों में हिन्दू समुदाय के 6 लोग मारे गए हैं, हालांकि इन आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को गृहमंत्री को उन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिन्होंने धर्म का इस्तेमाल कर हाल में हिंसा भड़काई थी.
शेख हसीना ने कही ये बात
शेख हसीना ने लोगों से तथ्यों की जांच किए गए बगैर सोशल मीडिया पर मौजूद किसी भी चीज पर विश्वास नहीं करने को कहा. संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि रबाब फातिमा ने अपने देश में अल्संख्यक हिन्दू समुदाय पर हाल में हुए जघन्य हमलों की निंदा की और कहा कि देश की सरकार इन घटनाओं को अंजाम देने वालों को न्याय के दायरे में लाना सुनिश्चित करेगी.
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