नई दिल्ली: इजराइल ने मंगलवार को गाजा पट्टी पर हवाई हमले तेज कर दिए. उसने दो बहुमंजिला इमारतों को निशाना बनाया जिनके बारे में उसका मानना था कि उसका इस्तेमाल हमास के चरमपंथी करते थे और उनके ठिकानों में कम से कम तीन चरमपंथियों को मार गिराया.
वहीं, फिलस्तीन की ओर से इजराइल में भी लगातार रॉकेट हमले हुए.
दोनों शत्रुओं के बीच 2014 के बाद से यह सबसे बड़ी लड़ाई है और इसके कम होने के कोई संकेत नहीं दिखे हैं.
बेंजामिन ने लड़ाई तेज करने के दिए संकेत
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले तेज करने का आह्वान किया जबकि गाजा के चरमपंथियों ने देर रात तक रॉकेट दागे जिससे घनी आबादी वाले तेल अवीव इलाके में विस्फोटों की आवाज सुनाई देती रही.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रॉकेट हमले में इजराइल में तीन महिलाओं की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. गाजा में 10 बच्चों समेत 32 फिलस्तीनियों की मौत हो गई. 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
इजराइल और हमास के बीच यह लड़ाई 2014 की गर्मियों में 50 दिन तक चले युद्ध से ज्यादा भयंकर है. यरुशलम में धार्मिक तनाव से पैदा हुई यह हिंसा विध्वंसक युद्ध की याद दिलाती है.
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इजराइल बढ़ाएगा अपना सैन्य दायरा
गाजा में दिन भर इजराइली हवाई हमलों की आवाज सुनी गई और जिन इमारतों को निशाना बनाया गया, वहां से धुएं का गुबार उठता देखा गया.
राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित भाषण में नेतन्याहू ने कहा कि हमास और छोटे इस्लामिक जिहादी चरमपंथी समूहों ने 'कीमत चुकायी है और मैं आपको यहां बता दूं कि वे अपनी आक्रामकता के लिए भारी कीमत चुकाएंगे.'
उन्होंने दावा किया कि इजराइल ने दर्जनों चरमपंथियों को मार गिराया और उनके सैकड़ों ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने कहा, 'इस अभियान में वक्त लगेगा. दृढ़ संकल्प, एकता और ताकत से हम इजराइल के नागरिकों की सुरक्षा बहाल करेंगे.'
वह एकता के प्रदर्शन के तौर पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एवं रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज के साथ खड़े दिखाई दिए. गैंट्ज ने कहा, 'कई ठिकानों को निशाना बनाया जाना है. यह तो बस शुरुआत है.'
वहीं तनाव के और बढ़ने का संकेत देते हुए इजराइल ने सैन्य अभियान का दायरा बढ़ाने की बात कही है. सेना ने कहा कि वह गाजा सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है और रक्षा मंत्री ने 5000 आरक्षित सैनिकों को वहां भेजने का आदेश दिया है.
यह हिंसा ऐसे समय पर हो रही है जब रमजान चल रहा है.
आलोचकों का कहना है कि यरुशलम में और उसके आसपास इजराइली पुलिस की असंवेदनशीलता के कारण अशांति फैली. वहीं पूर्वी यरुशलम के पास शेख जर्रा में भी हिंसा के हालात बने जहां बड़ी संख्या में फिलस्तीनियों को यहूदी निवासियों द्वारा निकाले जाने का खतरा है.
गत सप्ताहांत अल अक्सा मस्जिद में झड़प हुई थी. चार दिनों तक इजराइली पुलिस ने फिलस्तीनियों पर आंसू गैस के गोले और हथगोले दागे.
सोमवार शाम से हमास ने गाजा से रॉकेट दागने शुरू कर दिए और यहां से तनाव बढ़ता चला गया.
हमास के निर्वासित नेता इस्माइल हानियेह ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि इजराइल पर इस हिंसा की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'इजराइली अतिक्रमण के कारण यरुशलम में हिंसा हुई और इसकी लपटें गाजा तक पहुंच गई.'
फिलस्तीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गाजा में मृतकों की संख्या के बारे में नहीं बताया है लेकिन इस्लामिक जिहाद ने गाजा सिटी में एक अपार्टमेंट पर हुए हवाई हमले में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है जो उसकी सशस्त्र शाखा के वरिष्ठ सदस्य थे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 10 बच्चे और एक महिला भी मारी गई है.
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