मुस्लिमों और पैगंबर मोहम्मद पर क्या बोले रूस के राष्ट्रपति पुतिन, लोग कर रहे तारीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो कहा है कि पुतिन के इस बयान को फैला कर इस्लामोफोबिया का मुकाबला किया जा सकता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2021, 10:33 AM IST
  • कहा, ऐसे कृत्य चरमपंथियों द्वारा प्रतिशोध को जन्म देते हैं
  • उदाहरण के रूप में उन्होंने चार्ली हेब्दो हमले का जिक्र किया
मुस्लिमों और पैगंबर मोहम्मद पर क्या बोले रूस के राष्ट्रपति पुतिन, लोग कर रहे तारीफ

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रिसमस से पहले अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम का जिक्र करते हुए कुछ ऐसी बातें कहीं, जिसकी हर जगह तारीफ हो रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो कहा है कि पुतिन के इस बयान को फैला कर इस्लामोफोबिया का मुकाबला किया जा सकता है.

क्या बोले पुतिन
रूसी समाचार एजेंसी ताश के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, पैगंबर का अपमान “धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और इस्लाम को मानने वाले लोगों की पवित्र भावनाओं का उल्लंघन है.” पैगंबर मुहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में नहीं लिया जा सकता है. 

पुतिन के मुताबिक पैगंबर के अपमान जैसे कृत्य चरमपंथियों द्वारा प्रतिशोध को जन्म देते हैं. उन्होंने पेरिस में चार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हुए हमले का जिक्र किया, जब पैगंबर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे. रूस के राष्ट्रपति ने कलात्मक स्वतंत्रता की सराहना की. पर साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि इसकी सीमाएं हैं और कहा कि इसे अन्य स्वतंत्रताओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि रूसियों को एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रूस अन्य देशों के विपरीत “बहु-जातीय और बहु-विश्वासघाती राज्य” के रूप में विकसित हुआ है.

इमरान ने किया समर्थन
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने किया पुतिन के बयान का समर्थन किया. इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं राष्ट्रपति पुतिन के उस बयान का स्वागत करता हूं. यह बयान मेरे संदेश की पुष्टि करता है कि हमारे पवित्र पैगंबर का अपमान करना 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' नहीं है. हम मुस्लिमों और खासकर मुस्लिम नेताओं को इस संदेश को गैर-मुस्लिम देशों के नेताओं तक पहुंचाना चाहिए. ताकि इस्लामोफोबिया से मुकाबला किया जा सके.' हालांकि खुद इमरान के देश पाकिस्तान में ईश निंदा कानून के नाम पर लोगों की जान ले ली जाती है. हाल में श्रीलंकाई नागरिक के साथ हुई घटना इसका उदाहरण है. 

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