नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच सोमवार को हुई दो मुलाकातों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देशों की स्थिति को लगभग साफ कर दिया. खासकर इस मुलाकात में अमेरिका को भारत से जो उम्मीदें थीं, उसकी वो उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. अमेरिका के किसी भी दबाव का भारत पर असर नहीं हुआ और इसकी साफ तस्वीर टू प्लस टू के बाद हुई प्रेस वार्ता में दिख गई. सभी ने एक साथ प्रेस को भी संबोधित किया.
रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर साझा की जानकारी
देश के रक्षा मंत्री ने ट्वीट करके इस बैठक से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि 'वाशिंगटन डीसी में 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में बहुत सार्थक और गहन चर्चा हुई. बैठक के दौरान, हमने अपने पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिति के बारे में अपने आकलन साझा किए. भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को और विस्तारित और मजबूत किया जा रहा है. बैठक और के बीच सामरिक रक्षा जुड़ाव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है और हमें पारस्परिक हित के क्षेत्रों में साथ काम करने में सक्षम बनाएगी. हमारा बढ़ा हुआ सहयोग शांति और सुरक्षा बनाए रखने और वैश्विक आम लोगों तक मुफ्त पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा.'
Had a very meaningful and in-depth discussion at the 2+2 Ministerial Meeting in Washington DC.
During the meeting, we shared our assessments of the situation in our neighbourhood and Indian Ocean Region.
India-US Defence Cooperation is being further expanded and strengthened. pic.twitter.com/QHnArmelfs
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 12, 2022
वहीं विदेश मंत्री एक जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा कि 'एक उपयोगी और सारवान 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक का समापन किया. समकालीन चुनौतियों और मुद्दों पर खुले और रचनात्मक तरीके से चर्चा की. संकल्प लिया कि हमारी रणनीतिक साझेदारी बढ़ती रहेगी और विश्व मामलों की दिशा को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाएगी.'
Concluded a productive and substantive 2+2 Ministerial Meeting.
Discussed contemporary challenges and issues in an open and constructive manner. Resolved that our strategic partnership would continue to grow and play a greater role in shaping the direction of world affairs. pic.twitter.com/dO9GwvzAI6
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 12, 2022
मोदी बाइडेन की 'मुलाकात' में क्या रहा खास?
प्रेस वार्ता में अमेरिकी पत्रकारों ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर ताबड़तोड़ सवाल किए. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को वर्चुअल मुलाकात के दौरान यूक्रेन पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, दोनों नेताओं के बीच कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान हुआ, जैसे कि कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक सुधार, जलवायु कार्रवाई, दक्षिण एशिया और भारत-प्रशांत क्षेत्र में हाल के घटनाक्रम और यूक्रेन की स्थिति.
मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने हाल के वर्षो में द्विपक्षीय संबंधों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति का भी जायजा लिया. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा, जिससे दोनों देशों को जबरदस्त लाभ होगा और यह वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता में भी योगदान देगा.
सोमवार को पीएम मोदी और जो बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक हुई. रूस यूक्रेन युद्ध से मीलों दूर दुनिया भर की नज़रें कल इस बैठक पर टिकी हुई थीं. इस बैठक में वैसे तो कोरोना, जलवायु परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर बात होनी थी, लेकिन बैठक का तो सबसे जरूरी मुद्दा रूस यूक्रेन युद्ध ही था.
बाइडेन ने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की सराहना की
चर्चा की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की. उन्होंने यूक्रेन को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारत की तारीफ की और कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध रोकने को लेकर भारत-अमेरिका के बीच बातचीत जारी रहेगी.
बैठक को लेकर ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका भारत रूस से तेल का आयात ना करने का दबाव बनाएगा और ऐसा हुआ भी. बैठक के दौरान बाइडेन ने मोदी से कहा कि रूस से तेल खरीद में तेजी लाना या बढ़ाना, भारत के हित में नहीं है. लेकिन अमेरिका का भारत का दबाव बिल्कुल भी नहीं दिखाई दिया. पीएम मोदी ने जो बाइडेन के साथ बातचीत में ये साफ कर दिया कि भारत युद्ध के पक्ष में नहीं है और वो चाहता है कि बातचीत से मसले का हल निकाला जाए.
PM Modi ने कहा कि 'मैंने न सिर्फ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया. हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है. हमने यूक्रेन में civilian जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी महत्व दिया है. हमने अपनी तरफ से दवाइयां व अन्य राहत सामग्री यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भेजी है। और यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों का एक और कन्साइनमेंट भेज रहे हैं.'
इस बैठक में अमेरिका ये पूरी कोशिश कर रहा था कि वो भारत को रूस के खिलाफ कदम उठाने के लिए मजबूर करे और उसने एक बार तेल के बहाने ही सही भारत को डर दिखाने की कोशिश भी की. हालांकि भारत ने अपनी ओर से ये साफ कर दिया कि उसके मन में क्या चल रहा है.
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भारत-अमेरिका 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए वाशिंगटन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी अपने अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत के दौरान व्हाइट हाउस में मौजूद थे.
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