नई दिल्ली. सारी दुनिया ये जान कर हैरान हो रही है और सवाल कर रही है कि इस देश में नेकेड क्यों हो रहे हैं कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर्स? लेकिन उनके इस सवाल में ही है जवाब उनके सवाल का. कोरोना के इलाज को जारी रखने के लिये ही करना पड़ रहा है उन्हें ऐसा मजबूरी में.
जर्मनी के कोरोना डॉक्टर्स हैं ये
नैकेड होना कोई सामान्य घटना नहीं है और वैसे भी कोई शौक में कभी नैकेड होना पसंद नहीं कर सकता. ऐसे में जब सारी दुनिया कोरोना के दर्दनाक दौर से होकर गुजर रही है तो जर्मनी के डॉक्टर आखिर नैकेड क्यों हो रहे हैं? जाहिर है इस खास बात के पीछे खास वजह है. खास वजह इन जर्मन डॉक्टर्स के नैकेड होने की ये है ये इनके प्रोटेस्ट का तरीका है.
डॉक्टर्स के प्रोटेस्ट का तरीका है
कोरोना का इलाज कर रहे हैं ये जर्मनी के डॉक्टर्स. नैकेड होकर ये डॉक्टर्स बताना चाहते हैं कि न्यूडिटी इस बात का प्रतीक है कि बिना सुरक्षा के हम कितने अधिक वनरेबल होते हैं. इन डॉक्टर्स को पर्सनल प्रोटेक्टिव किट्स की अत्यंत आवश्यकता है किन्तु सरकार द्वारा ये किट्स उपलब्ध न करा पाने की हालत में इन्होंने प्रोटेस्ट करते हुए इनकी मांग की है. वैसे भी दुनिया का हर डॉक्टर जो कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहा है, वह अपनी जान पर खेल रहा है और तमाम चुनौतियों का सामना कर रहा है. इन चुनौतियों में से एक कोरोना से सुरक्षा देने वाले उपकरणों की कमी.
डॉक्टर्स को चाहिये पीपीई किट
स्थानीय मीडिया के अनुसार जर्मनी में डॉक्टरों एक समूह में नैकेड होकर कैमरे के सामने पोज दे रहे हैंं और हर पोज़ के साथ उनकी एक ही मांग है कि हमें पर्याप्त संख्या में पीपीई दिया जाये. डॉक्टर अपनी मांग को लेकर इतने गंभीर हैं कि उन्होंने इसके लिये एक वेबसाइट भी बनाई है - blankebedenken.org जिस में उन्होंने अपनी फोटोज़ और अपनी मांगों को प्रकाशित किया है. जर्मनी की कोरोना सीचुएशन के अनुसार यहा डेढ़ लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और सात हजार के करीब जानें जा चुकी हैं.