नई दिल्ली: Yoon Suk Yeol Martial Law: दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू करके राष्ट्रपति यून सुक योल ने दुनिया को चौंका दिया. कहने वालों ने तो यहां तक कह दिया कि उनमें नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग की आत्मा आ गई है. हालांकि, राष्ट्रपती योल ने मात्र 6 घंटे के भीतर मार्शल लॉ का फैसला वापस ले लिया. आखिर 6 घंटे के लिए दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ क्यों लगा हुआ, चलिए जानते हैं...
राष्ट्रपति ने क्या तर्क दिया था?
दरअसल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल (Yoon Suk Yeol) ने मंगलवार देर रात को करीब 11 बजे अचानक से देश को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रपति योल ने देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान कर दिया. उन्होंने मार्शल लॉ लगाने की वजह विपक्ष को बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार को पंगु बनाने की साजिश कर रहा है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि श विरोधी गतिविधियों से सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है.
मार्शल लॉ कैसे हटा?
मार्शल लॉ की घोषणा होने के बाद फौज ने दक्षिण कोरिया के सांसदों को संसद में जाने से रोक दिया. इसके बावजूद 190 सांसद संसद परिसर में घुस गए. उन्होंने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति योल की घोषणा खारिज कर दी. सांसदों ने राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ वोटिंग की. सरकार के मंत्रिमंडल ने भी मार्सल लॉ वाले आदेश को हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. राष्ट्रपति योल ने ने सुबह साढ़े चार बजे फिर एक संबोधन दिया. इसमें उन्होंने कहा- नेशनल असेंबली से आपातकाल हटाने की मांग हुई है, हमने मार्शल लॉ ऑपरेशन के लिए तैनात सैनिकों को वापस बुला लिया है.
बढ़ रही थीं राष्ट्रपति की मुश्किलें
राष्ट्रपति योल मई 2022 में सत्ता में आए. वे देश के कट्टर और रूढ़िवादी नेताओं में से एक है. लेकिन उनकी प्रभावी छवि को तब डेंट पहुंचा, जब अप्रैल में विपक्ष आम चुनाव में भारी बढ़त हासिल की. संसद में विपक्ष सत्ता पक्ष पर हावी हो गए. सरकार कई बिल पास नहीं करवा पाई. राष्ट्रपति योल कई घोटालों में फंसे. उनकी पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने तोहफे में एक डिजाइनर बैग स्वीकार किया. खुद राष्ट्रपति ने माफी भी मांगी और ये भी कहा कि फर्स्ट लेडी के कामकाज की देखरेख के लिए एक ऑफिस बनाएंगे.
हताशा के चलते लगाया मार्शल लॉ
इसके बाद इसी सप्ताह विपक्ष ने बजट में कटौती का विधेयक रखा. विपक्ष ने अगले वर्ष के लिए प्रस्तावित 677 ट्रिलियन वॉन बजट में से 4.1 ट्रिलियन वॉन ($2.8 बिलियन) की कटौती की. इस पर राष्ट्रपति योल ने शिकायत करते हुए कहा कि राष्ट्र के मुख्य कार्यों के लिए आवश्यक सभी प्रमुख बजट में कटौती की जा रही है. इस पर राष्ट्रपति वीटो भी नहीं लगा सकते. अब विपक्ष कैबिनेट सदस्यों और कुछ वरिष्ठ सरकारी वकीलों के खिलाफ महाभियोग भी ला सकता है. देश में उनकी लोकप्रियता निरंतर कम हो रही है. राजनीतिक जानकारों ने कहा कि राष्ट्रपति योल चौतरफा घिर गए, उन्होंने हताशा में बिना तैयारी के ये कदम उठाया, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है.
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