World War 3 की आहटः ताइवान-यूक्रेन पर हमले का खतरा, चीन-रूस को अमेरिका का अल्टीमेटम

ड्रैगन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है, जबकि रूस की नजरें यूक्रेन पर हैं.   

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Nov 14, 2021, 12:35 PM IST
  • यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामक नीति से अमेरिका नाराज
  • ताइवान की सीमा के पास चीन ने तैनात किया फाइटर जेट
World War 3 की आहटः ताइवान-यूक्रेन पर हमले का खतरा, चीन-रूस को अमेरिका का अल्टीमेटम

नई दिल्लीः ताइवान पर चीन का पैंतरा और यूक्रेन पर रूस की साजिश से तीसरे विश्व युद्ध का खतरा सिर पर आ गया है. एक तरफ चीन और रूस हैं तो दूसरी तरफ अमेरिका और नाटो देश. ड्रैगन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है, जबकि रूस की नजरें यूक्रेन पर हैं. संकेत मिल रहे हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पुराने सोवियत यूनियन वाला रुतबा दोबारा कायम करने को बेताब हैं.

यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात हैं दर्जनों टैंक
दरअसल, यूक्रेन सामरिक तौर पर सोवियत यूनियन का सबसे अहम हिस्सा था, लेकिन सोवियत संघ के विघटन के साथ यूक्रेन आजाद हो गया और रूस के कई परमाणु संयंत्र भी उसके हिस्से में चले गए. लेकिन पुतिन का राज आने के बाद रूस ने यूक्रेन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

रूस पहले ही क्रीमिया को हड़प चुका है और अब यूक्रेन की बारी है. पुतिन ने नेवी शिप के जरिए दर्जनों टैंक और रेल के जरिए बख्तरबंद वाहनों को यूक्रेन के बॉर्डर पर लगा दिया है. यूक्रेन से सटे बेलारूस में रूस ने अपनी सैन्य टुकड़ी और बमवर्षक विमानों को तैनात कर दिया है.

यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका-रूस में ठनी
उधर, यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामक नीति से अमेरिका बेचैन है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की है. बातचीत के बाद अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी कि वो यूक्रेन पर आक्रमण की कोशिश न करें. ऐसी भूल उसे बहुत भारी पड़ेगी, लेकिन रूस इस बात से खफा है कि ब्लैक सागर में अमेरिका ने अपना नया युद्धपोत यूएसस पोर्टर भेज दिया है, जहां अमेरिकी नेवी की छठवीं फ्लीट पहले से तैनात है.

पुतिन ने बाइडेन के जले पर नमक छिड़का
यूक्रेन के बाद पुतिन ने पोलैंड के खिलाफ भी साजिश शुरू कर दी है. इसके लिए पुतिन ने बेलारूस के सनकी तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंको को आगे किया है. बेलारूस ने शरणार्थियों को ढाल बनाकर पोलैंड के जरिए पूरे यूरोपीय यूनियन को परेशान करना शुरू कर दिया है. शनिवार को पोलैंड की सीमा पर सीरिया से आए एक शरणार्थी की मौत हो गई. अब भी यहां करीब 1000 शरणार्थी जमा हैं. 

पोलैंड और यूरोपीय यूनियन ने आशंका जताई है कि पुतिन शरणार्थी समस्या के जरिए यूरोपीय यूनियन को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं. इसीलिए बाहरी शरणार्थियों को रेल और हवाई मार्ग से बेलारूस की सीमा पर भेजा जा रहा है. आने वाले दिनों में यूक्रेन और पोलैंड के मामले को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव और बढ़ सकता है. ब्रिटेन भी इस झगड़े में कूद पड़ा है, जिसने पोलैंड की मदद के लिए अपनी सैन्य टुकड़ी वहां भेजी है.

ताइवान की आजादी पर दिसंबर भारी!
दिसंबर में चीन ताइवान पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है. चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रैगन ने अपने J-20 स्टील्थ फाइटर जेट को बिल्कुल ताइवान की सीमा के पास तैनात कर दिया है. लोगों ने उसे ताइवान की सीमा पर पेट्रोलिंग करते भी देखा है.

इसके अलावा ताइवान की मदद को आगे आए जापान को धमकाते हुए चीन ने ईस्ट चाइना सी में सेनकाकू द्वीप तक अपने फाइटर जेट भेजे हैं, जिन्हें एयर पेट्रोलिंग करते देखा गया है. सेनकाकू द्वीप पर जापान अपना कब्जा बताता है, जबकि चीन इस पर अपना दावा ठोंकता है. ताइवान के पूर्वी कोस्ट में चीन ने Y-9 एंटी सबमैरीन एयरक्राफ्ट भी तैनात किया है, जो 052D डिस्ट्रॉयर गाइडेड मिसाइल से लैस है.

चीन के विस्तारवाद से कई देश नाराज हैं. इनमें भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हैं. ऑस्ट्रेलिया ने तो ऐलान कर दिया है कि अगर ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में जंग छिड़ी तो वो खुलकर अमेरिका का साथ देगा. भारत भी ड्रैगन की गर्दन मरोड़ने को बेताब है, ताकि एलएसी पर उसकी साजिशों पर हमेशा के लिए विराम लग सके.

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