मॉस्को. अमेरिका हो या चीन, इन देशों की हर नज़र हर समय रूस पर होती है. चाहे मामला तकनीक का हो या हथियारों का, रूस को टक्कर देने की ताक में हमेशा रहती हैं ये दोनों महाशक्तियां. अब इनको सोचने पर फिर मजबूर किया है रूस ने और तैनात कर ली है अपनी अपराजेय सुपरसोनिक मिसाइल.
ये हैं एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइलें
रूस के तमाम सामरिक हथियारों की शृंखला में एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइलें सबसे ऊपर हैं. इनकी खासियत ये है कि ये दुनिया की सर्वोत्तम मिसाइलें हैं और दुनिया का कोई देश अभी तक इनका तोड़ तैयार नहीं कर पाया है. किसी राडार के पकड़ में नहीं आती है एवनगार्ड सुपरसोनिक मिसाइल. और यही खासियत इसे अपराजित बनाती है.
रूसी सरकार ने जारी की सूचना
रूस के प्रशासनिक सूत्रों के हवाले से ये दुनिया को मिली है ये खबर. रूस ने अपनी प्रथम सुपरसोनिक मिसाइल एवनगार्ड की तैनाती कर दी है. अपनी इस मिसाइल की तैनाती की यह जानकारी रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगू ने सबसे पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी. उसके बाद सरकारी तौर पर इस बयान को सार्वजनिक किया गया है.
सामरिक तौर पर भारत का पार्टनर है रूस
रूस सदा से ही भारत का अभिन्न मित्र रहा है और समय समय पर रूस ने भारत के प्रति अपनी मित्रता की प्रतिबद्धता को साबित भी किया है. तीन ध्रुवीय विश्व में भारत यदि चौथी ताकत है तो उसे दुनिया की इस दूसरी महाशक्ति से हमेशा समर्थन प्राप्त हुआ है.
खासियत ये है इस मिसाइल की
रूस की यह अपराजेय मिसाइल सुपरसोनिक स्पीड-धारी है और 33 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल कर लक्ष्यभेद करती है. रूसी अधिकारियों के मुताबिक़ यह मिसाइल हवा में ही अपनी दिशा बदल सकती है. इस मिसाइल के परीक्षण के दौरान इसने माइक 27 की गति से चलने का कीर्तिमान बनाया. मैक आवाज़ की गति के मापन की इकाई है.
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