year end 2019: साल 2019 की वो घटनाएं जिन्होंने बदल डाली अंतर्राष्ट्रीय तस्वीर

 यह साल खत्म होने को आया तो ऐसे में कुछ अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर एक नजर डालते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य को बदल कर रख दिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 2, 2020, 02:40 PM IST
    • 2019 के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मसले
year end 2019:  साल 2019 की वो घटनाएं जिन्होंने बदल डाली अंतर्राष्ट्रीय तस्वीर

नई दिल्ली: साल 2019 में अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की भी एक लंबी कतार है. इनमें कुछ हमलों की घटनाएं हैं तो कुछ आतंकियों के मारे जाने की, कुछ में युद्ध की स्थितियां उत्पन्न हुई तो कुछ में अंतर्राष्ट्रीय दौरे का क्या हासिल हुआ उसकी भी हैं. 

1. सउदी अरामाको तेल रिफाइनरी हमला
मिडिल ईस्ट का खजाना कहे जाने वाले सउदी अरामाको तेल रिफाइनरी पर हमला किया गया. यमन के हूती विद्रोहियों ने अरामको के दो ठिकानों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली. मालूम हो कि हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है. सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों अबकीक और खुरैस पर ड्रोन से हमले किए गए थे. इससे दोनों जगहों पर तेल उत्पादन प्रभावित काफी प्रभावित हुआ.

दुनिया भर में तेल की सप्लाई करने वाले इस रिफाइनरी पर हमले के बाद बाजार में कीमतों में उछाल देखने को मिलने लगा था. सऊदी रक्षा मंत्रालय में ड्रोन और मिसाइल के अवशेष दिखाते हुए हमले में ईरान के शामिल होने के सबूत भी मिले.

2. बगदादी का मारा जाना
ट्रंप की कमांड मिलते ही इराक के एयरबेस से फर्स्ट स्पेशल फोर्सेज ऑपरेशनल कमांडो 8 लड़ाकू हेलिकॉप्टरों पर सवार होते हैं. और उत्तर-पश्चिम सीरिया के इदलिब प्रांत के गांव बरिशा पहुंचे. यह इलाका जिहादी विद्रोही ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम के कब्जे में था. अमेरिका को पक्की खबर थी कि बगदादी यहीं पर छिपा हुआ है. वहां आईएसआईएस सरगना बगदादी को मौत के घाट उतार दिया जाता है. इसके बाद एक वीडियो जारी हुआ जिसमें यह दिखाया गया कि सैनिक आतंकवादियों को गोली मार रहे हैं.

अमेरिकी सेना के हमले की भनक मिलते ही बगदादी एक सुरंग में छिप गया था लेकिन अमेरिकी सेना उसका पीछा करते वहां तक पहूंची तो उसने सुसाइड वेस्ट में धमाका कर खुद को उड़ा दिया.

3. कुर्दों पर तुर्कों का हमला
इस साल की यह सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में से एक है. जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तरी सीरिया से अपने सैनिक वापस बुलाए तुर्की तो जैसे इसी फिराक में बैठा था. तुर्कों ने सीरिया में कुर्द कबीलों पर हमला कर दिया और गोला-बारूद बरसाने लगे. कुर्द जिन्होंने अमेरिकी सेना का ISIS के खिलाफ जंग लड़ने में साथ दिया था, वो खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे. कुर्दों ने मोर्चा संभाला लेकिन तुर्की पर जर्मनी की मेहरबानी की वजह से उसके पास कई आधुनिक हथियारों का जखीरा था जिसका मुकाबला कुर्द अकेले नहीं कर सकते थे.

इसके बाद रूस ने कुर्दों का साथ देने का फैसला लिया और सीरियाई सैनिकों के साथ मोर्चे में शामिल हो गए. उधर तुर्की से बात भी करते रहे. तुर्की की ओर से सीरिया पर किए गए इस हमले पर पूरा विश्व जहां सीरिया के साथ खड़ा नजर आया वहीं पाकिस्तान अकेला ही तुर्की का समर्थन करता दिखा.

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4. हाउडी मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे पर थे. वहां पहुंच कर उन्होंने ह्यूस्टन में रविवार को 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लोगों को संबोधित किया. उस स्टेडियम में लगभग 50,000 लोग थे ज्यादातर भारतीय, जिन्होंने बड़े ही गर्मजोशी से पीएम का स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी जब संबोधन के लिए आए तो भीड़ ने पूछा 'हाउडी मोदी'. उन्होंने जवाब दिया कहा- भारत में सब कुछ अच्छा है. यहीं बात उन्होंने गुजराती भाषा में भी दोहराई.

इसके बाद के कार्यक्रमों में लगातार मोदी-ट्रंप की गतिविधियों को दिखाते रहे. सोशल मीडिया पर जय-वीरू का नया नारा गूंजने लगा. लोगों ने कहा यह वो पल है जब भारत-अमेरिका रिश्ते अब परवान चढ़ रहे हैं.

5. बालाकोट एयर स्ट्राइक
पुलवामा में CRPF के जवानों पर किए गए हमलों में 40 जवान शहीद हुए थे. इस हमले के बाद भारत में हर तरफ मातम का माहौल था. लोग बस किसी भी सूरत में बदला चाहते थे. आखिरकार सरकार ने सेना को फ्री हैंड छोड़ा और इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई में बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर मिसाइल पर मिसाइल दागने शुरू कर दिए. कुछ देर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने मलबे के ढ़ेर में बदल गए.

कई जगह पर रिपोर्टें छपी कि बालाकोट एयरस्ट्राइक में जैश-ए-सरगना मसूद अजहर के कई संबंधियों की भी मौत हो गई. जिस वक्त एयरस्ट्राइक किया गया, उस वक्त ठिकाने पर तकरीबन 200 आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी.

6. अमेजन रेन फॉरेस्ट में आग
दक्षिणी अमेरिका में सबसे घने और बड़े जंगल अमेजन रेनफॉरेस्ट में लगी भीषण आग इस साल की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थी. ब्राजील के अमेजन के जंगलों में लगी आग को लेकर वैश्विक स्तर पर खूब खींचतान हुई. अमेजन रेनफॉरेस्ट को दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है. इसमें लगी आग को लेकर सभी ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो की आलोचना कर रहे थे. यह जंगल सबसे अधिक आक्सीजन देने वाले जंगल हैं. ब्राजिलियन राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर आलोचनाओं के बाण छोड़े जाने पर उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश जानबूझ कर ऐसा कर रहे हैं. आग को जबरन मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि ब्राजील के आर्थिक विकास की गति में अड़ंगा लगाया जा सके. इसके अलावा भी देश-दुनिया भर में कई ऐसी घटनाएं भी हुईं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सुर्खियां बटोरी.

जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चीन का भारत को सहयोग, पाकिस्तानी पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को स्पेशल कोर्ट ने देश में आपातकाल लगाने के लिए फांसी की सजा सुनाई, अल साल्वाडोर में शरणार्थी बाप-बेटी की देश में प्रवेश करने के दौरान नदी में हुई मौत की मार्मिक तस्वीर, पापुआ न्यू गिनी में एक द्वीप बोगेनविले को सबसे नए देश का दर्जा देने की बात, अमेरिका-ईरान न्यूकिलियर डील को पूरी तरीके से खत्म किया जाना, जैसी तमाम घटनाएं इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं हैं.

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