आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को मिला सरकारी संगठनों का साथ, 8 अप्रैल को होगा बड़ा आंदोलन
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आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को मिला सरकारी संगठनों का साथ, 8 अप्रैल को होगा बड़ा आंदोलन

पिछले कई महीनों से आंगनबाड़ी वर्कर्स मांग कर रही हैं कि प्रधानमंत्री की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक वर्कर के वेतन में 15 सौ रुपये की बढ़ोतरी और हेल्पर के वेतन में 750 की बढ़ोतरी तुरंत लागू की जाए.

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को मिला सरकारी संगठनों का साथ, 8 अप्रैल को होगा बड़ा आंदोलन

राजेश खत्री/सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत (sonipat) में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi worker) सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अब दूसरे सरकारी संगठन भी इनके समर्थन में उतर आए हैं, जिसके बाद अब यह हड़ताल तेज आंदोलन में बदलेगी. 8 अप्रैल को उनके समर्थन में अलग-अलग शहरों में बड़े-बड़े प्रदर्शन होंगे. 

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प्रदर्शन में ये संगठन होंगे शामिल
प्रदेश सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जाने वाले धरना प्रदर्शनों में 8 अप्रैल को सभी किसान संगठन, मजदूर कर्मचारी संगठन, महिला, नौजवान संगठन, छात्रों के संगठन और वकीलों के संगठन हिस्सेदारी कर सड़कों पर उतरेंगे. यह निर्णय सोनीपत में कर्मचारियों की एक बैठक में दौरान लिया गया है, जिसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने हिस्सा लिया था. वहीं, इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बातचीत का समय भी मांगा गया है. अगर मुख्यमंत्री ने बातचीत का समय नहीं दिया तो हरियाणा की तमाम सड़कें आंदोलनकारियों के कब्जे में होंगी. सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर राठी ने बताया कि गांव-गांव में मीटिंग करने की योजना बनाई गई है, जिसमें किसान, मजदूर, कर्मचारी शामिल होंगे. वहीं हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स और परियोजना वर्कर्स सड़कों पर उतरेंगी. 

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क्यों की जा रही हड़ताल? 
पिछले कई महीनों से आंगनबाड़ी वर्कर्स मांग कर रही हैं कि प्रधानमंत्री की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक वर्कर के वेतन में 15 सौ रुपये की बढ़ोतरी और हेल्पर के वेतन में 750 की बढ़ोतरी तुरंत लागू की जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री के समझौते के अनुसार उन्हें वर्कमैन मानते हुए कुशल-अर्धकुशल श्रेणी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन लागू किया जाए. साथ ही पोषण ट्रैकर बंद करने समेत 19 सूत्रीय मांग पत्र पर सहमति जताते हुए इसे लागू किया जाए. उनका कहना है कि मांगे पूरी होने के बाद ही आंदोलन वापस लिया जाएगा. 

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