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Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति के सभापति इंद्रदत्त लखनपाल की अध्यक्षता में वीरवार को मिनी सचिवालय धर्मशाला में जिला कांगड़ा में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक उपरांत सभापति इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि बैठक में स्थानीय स्तर के जो ऑडिट पैरा लगे थे, उन पर विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि बहुत से विभागों को इसकी जानकारी नहीं थी क्योंकि पहली बार इस समिति की बैठक हुई है तथा विधानसभा में यह नई समिति गठित हुई है.
उन्होंने कहा कि बैठक में कई अधिकारी अपनी लोकल ऑडिट रिपोर्ट सब्मिट नहीं करवा पाए हैं. उन्हें एक माह का समय दिया गया है कि अधिकारी जो ऑडिट पैरा हैं. उन पर संज्ञान लेकर समिति को अवगत करवाएं और उस पर समिति फैसला करेगी.
इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि पंचायती राज विभाग में मनरेगा के कार्यों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की सख्त जरूरत है, क्योंकि मनरेगा कार्यों में जो अनियमितताएं या भ्रष्टाचार होता है. उसे रोका जा सके.
उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड के सचिव की शिमला में बैठक होने के चलते धर्मशाला की बैठक में वह नहीं आए थे. उन्हें शिमला में होने वाली बैठक में स्वयं पूरा रिकार्ड लेकर आने को कहा गया है. शिक्षा बोर्ड के कोई सक्षम अधिकारी नहीं थे. ऐसे में उन्हें शिमला की बैठक में रिकार्ड सहित बुलाया गया है.
लखनपाल ने कहा कि समिति विधानसभा का मिनी हाउस है, महत्वपूर्ण कमेटी है, विभिन्न विभागों के जो लंबित मामले हैं, उन्हें विभागीय अधिकारी समय पर पूरा करेंगे और कोई भी अधिकारी आदेशों की अवहेलना नहीं करना चाहेंगे. सभी अधिकारियों ने एक माह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने को प्रतिबद्धता जताई है.
बैठक में समिति के सदस्य विधायक सतपाल सत्ती, विधायक होशियार सिंह, विधायक डीएस ठाकुर, विधायक केवल सिंह पठानिया, विधायक पूर्ण चन्द ठाकुर, विधायक कुलदीप राठौर और विधायक हरीश जनारथा उपस्थित रहे.