AAP के वोट बैंक में ओवैसी लगाएंगे सेंध; दिल्ली नगर निगम के 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM
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AAP के वोट बैंक में ओवैसी लगाएंगे सेंध; दिल्ली नगर निगम के 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM

Hissedari Morcha contests MCD election in 100 wards of Delhi: दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है. चुनाव में मुख्य दावेदार-भाजपा, आप और कांग्रेस है, लेकिन अब इसमें हिस्सेदारी मोर्चा (Hissedari Morcha) भी 100 निगम सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिसमें 68 सीटों पर ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार होंगे. 

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और आजाद समाज पार्टी (ASP) समेत कई दीगर पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली नगर निगम चुनाव में गठबंधन और साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. मजलिस के रियासती सद्र कलीमुल हफीज और आजाद समाज पार्टी (ASP) के इंचार्ज नरैन भीकू राम जैन की तरफ से होटल रिवर व्यू दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान किया गया है. 

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने कहा कि आजाद समाज पार्टी और मजलिस में नगर निगम की 100 सीटों पर मुआहेदा और साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर करार हो गया है. इस गठबंधन को दोनों पार्टियों के आलाकमान मजलिस सद्र बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी और आजाद समाज पार्टी के सद्र चंद्रशेखर आजाद ने भी मंजूरी दे दी है. इसी के साथ लिबरल पार्टी ऑफ इंडिया भी गठबंधन का हिस्सा होगी. एमसीडी चुनावों के जरिए दिल्ली की राजनीति में एआईएमआईएम का प्रवेश देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि अल्पसंख्यक मतदाता दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं. 

मुस्लिम और दलित मोहल्ले में आप ने किया अवाम से धोखा ​ 
कलीमुल हफीज ने कहा, ’’100 सीटों में से 68 वार्ड सीटों पर मजलिस अपने उम्मीदवार उतारेगी और आजाद समाज पार्टी और लिबरल पार्टी ऑफ इंडिया 32 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. गठबंधन में शामिल पार्टियां इन सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेंगीं.’’ कलीमुल हफीज ने कहा, ’’पार्टियों में इस बात को लेकर करार हुआ है कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने अवाम के साथ धोखा किया है. खास तौर पर दलित मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को पूरी तरीके से नजरअंदाज करने का काम किया है. दिल्ली में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 15 फीसदी है, जबकि 16 फीसदी के लगभग दलित समुदाय की आबादी है. दलित मुस्लिम बहुल इलाकों में ना तो स्कूल खोले गए और न ही अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक जैसी स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं है.’’

केजरीवाल के नरम हिंदुत्व से डरा मुसलमान 
मुस्लिम मतदाताओं को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) का एक मजबूत वोटबैंक माना जाता है. लेकिन हाल के दिनों में केजरीवाल के कुछ बयानों से मुसलमानों का मोह आप से भंग हो गया है. मुसलमानों ने केजरीवाल द्वारा नोटों पर हिंदू देवताओं, लक्ष्मी और गणेश की तस्वीरों की सिफारिश को आप का “नरम हिंदुत्व“ की तरफ बढ़ता हुआ कदम माना है. एएसपी के दिल्ली प्रभारी भीकू राम जैन ने कहा कि अगर मुस्लिम और दलित एक साथ आ गए तो कोई भी राजनीतिक दल उनको नजर अांदाज नहीं कर सकता है. दोनों संगठनों द्वारा गठित ’हिस्सादारी मोर्चा’ में लिबरल पार्टी ऑफ इंडिया भी शामिल है. 

2017 में नौ वार्डों पर चुनाव लड़ी थी एआईएमआईएम 
गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने 2017 में नौ वार्डों पर निकाय चुनाव लड़ी थी और सभी हार गई थी. पार्टी के नेताओं ने कहा कि इस बार पार्टी का इरादा ओखला, मटिया महल, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, बाबरपुर, सदर बाजार और ऐसे अन्य निर्वाचन क्षेत्रों जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली में मंगोलपुरी, सुल्तानपुर माजरा, करोल बाग, पटेल नगर, मादीपुर, देवली, अंबेडकर नगर सहित 12 आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां एएसपी के अपने उम्मीदवार उतारने की संभावना है.

दिल्ली के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान सहित पार्टी के दीगर नेताओं के एमसीडी चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करने की उम्मीद है. दिल्ली के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 7 दिसंबर को होगी. 250 वार्डों में से 42 एससी उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं. चुनाव में मुख्य दावेदार-भाजपा, आप और कांग्रेस के अगले 2-3 दिनों में अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने की संभावना है. चुनाव के लिए नामांकन 14 नवंबर आखिरी तारीख है. 

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