10 साल की उम्र में पिता को खोया, 21 में इसरो वैज्ञानिक बना बिहार का अंकित, पढ़ें संघर्ष की दास्तां
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10 साल की उम्र में पिता को खोया, 21 में इसरो वैज्ञानिक बना बिहार का अंकित, पढ़ें संघर्ष की दास्तां

अंकित ने यह मकाम अपने बुरे हालात से जंग लड़ते हुए हासिल किया है. वो जब महज़ 10 साल के थे तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. 

फाइल फोटो

सासाराम: हालात कितने भी खराब क्यों न हों हौसलों में जान हो तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाने में कामयाब हुए बिहार के सासाराम के 21 वर्षीय नौजवान अंकित गुप्ता. दरअसल उनका सलेक्शन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के लिए हुआ है. 

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अंकित ने यह मकाम अपने बुरे हालात से जंग लड़ते हुए हासिल किया है. वो जब महज़ 10 साल के थे तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया था.  सिर्फ 10 साल की उम्र में पिता चलाना किसी के लिए भी मुसीबतों का पहाड़ टूटने जैसा होगा लेकिन उन्हें उनके परिवार वालों ने अपने नाना के यहां गोरखपुर में पढ़ाई करने के लिए भेज दिया. 

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अंकित ने गोरखपुर में कक्षा 4 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई हासिल की. उसके बाद उन्होंने ने एक साल तक जेईई मेंस की तैयारी की, जिसमें उन्होंने कामयाबी भी हासिल की. इसके बाद अंकित का नामांकन इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हो गया. यहां से पढ़ाई मुकम्मल करने के बाद अंकित का सलेक्शन "इसरो" के विक्म साराभाई अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर पर हुआ है. 24 दिसंबर को ही उन्हें इसरो का यह प्रस्ताव मिला है. 

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अंकित अपने तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं. इसरो में सलेक्शन के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है और सभी लोग उनके उच्च भविष्य के लिए दुआ कर रहे हैं. 

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